नई दिल्लीः चक्रवात गुलाब के बाकी हिस्से के 30 सितंबर को अरब सागर में प्रवेश करने तथा मजबूत होकर चक्रवाती तूफान का रूप लेने तथा पाकिस्तान की ओर बढ़ने की संभावना है. गुलाब चक्रवात के इस बाकी हिस्से के चलते गुजरात के कई हिस्सों में वर्षा होने के आसार हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी. उसने बताया कि बुधवार को निम्न दबाव का क्षेत्र -चक्रवात गुलाब का बाकी हिस्सा- दक्षिण गुजरात क्षेत्र एवं आसपास की खंभात की खाड़ी के ऊपर बना.


मौसम विभाग ने कहा, ''इस बात की बड़ी संभावना है कि यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढेगा एवं उत्तरपूर्व अरब सागर में उभरकर कल तक गहरे दबाव में तब्दील होकर मजबूत हो जाएगा. उसके बाद उसके पश्चिम और पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने एवं अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान का रूप लेने की प्रबल संभावना है. उसके बाद वह भारतीय तट से दूर पाकिस्तान के मकरान तटों से टकरा सकता है.''


गुजरात में बारिश के आसार


मौसम विभाग ने बताया कि गुजरात में सौराष्ट्र और कच्छ में कुछ स्थानों पर हल्की, मध्यम से लेकर भारी तथा छिटपुट स्थानों पर भीषण वर्षा हो सकती है. साथ ही गुजरात के अन्य क्षेत्र, दमन दीव, दादर एवं नागर हवेली में मूसलाधार एवं कुछ स्थानों पर भीषण बारिश होने के आसार हैं. उत्तरी कोंकण में छिटपुट स्थानों पर भीषण वर्षा होने की आशंका है.


देश के पूर्वी तट पर दस्तक देने वाले चक्रवात गुलाब के असर से मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश को देखते हुए आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह विरल मामला है और मौसम प्रणाली एक और चक्रवाती तूफान को जन्म दे सकती है.


भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम केंद्र के प्रमुख डॉ. जयंत सरकार ने कहा कि इस तरह की घटनाएं अकसर नहीं होतीं, ''हालांकि मौसम विज्ञानियों को इसकी जानकारी होती है.'' उन्होंने बताया, ''इससे महाराष्ट्र में अत्यधिक बारिश हुई और कोंकण, मध्य महाराष्ट्र तथा मराठवाड़ा क्षेत्र अधिक बारिश वाली श्रेणी में आ गए.''


सौराष्ट्र क्षेत्र से वापस लौट सकता है चक्रवात


चक्रवात ‘कम दबाव के क्षेत्र’ से शुरू होता है और चक्रवात प्रणाली के तट से टकराते ही इसकी तीव्रता कम हो जाती है क्योंकि नमी की मात्रा कम हो जाती है. सरकार ने कहा कि चक्रवात गुलाब पूर्वी तट पर श्रीकाकुलम और विशाखापत्तनम के बीच तट से टकराया और पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात में पिछले तीन दिनों में इसके कारण भारी बारिश हुई.


उन्होंने कहा, ''मौसम प्रणाली में कुछ नमी आई और यह अरब सागर की तरफ बढ़ गई और यह सौराष्ट्र क्षेत्र से वापस लौट सकती है. ज्यादा नमी होने से यह कम दबाव से गहरे दबाव और फिर चक्रवात में तब्दील हो सकती है.'' उन्होंने कहा कि अगर यह नए चक्रवात में तब्दील होता है तो इसका नाम ‘शाहीन’ होगा.


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