Delhi BJP to stronger comeback: दिल्ली एमसीडी, गुजरात और हिमाचल के नतीजे आ चुके हैं. तीनों राज्यों में हुए इन चुनावों में तीन अलग-अलग पार्टियों को खुश होने का मौका मिला. दिल्ली MCD में केजरीवाल की आंधी आई तो गुजरात में बीजेपी लहर देखने को मिली, जबकि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. 


दिल्ली एमसीडी का रिजल्ट बुधवार (07 दिसंबर) को आया था. MCD से 15 साल बाद बीजेपी की विदाई हो गई. ‘आप’ ने 134 तो बीजेपी ने 104 और कांग्रेस ने 09 सीटों पर जीत दर्ज की. इस चुनाव में पार्टी ने सीधे तौर पर बीजेपी को सत्ता से बाहर किया है, इससे पहले तक AAP ने सिर्फ कांग्रेस से ही सत्ता छीनी थी.


केजरीवाल की बादशाहत कायम


एमसीडी में वापसी के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद चुनावी प्रचार को लीड कर रहे थे. उन्होंने दिग्गज नेताओं की एक पूरी फौज उतार रखी थी. वहीं दूसरी ओर केजरीवाल अकेले सभी पर भारी पड़े. साल 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में पुरजोर कोशिशों के बाद भी बीजेपी को सिर्फ 3 और 8 सीटें ही मिली थीं. बीते 15 सालों से बीजेपी ने नगर निगम पर कब्जा कर रखा था, अब केजरीवाल ने उसे भी छीन लिया.


बीजेपी का वोट शेयर भी घटा


वोट प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी को 39.09 प्रतिशत वोट मिले हैं. पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में बीजेपी का वोट शेयर 0.58 फीसदी, जबकि पिछले MCD चुनाव की तुलना में 3 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है. हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव की तुलना में बीजेपी का ग्राफ लुढ़कता दिख रहा है. वहीं आप को इस बार 42.05 प्रतिशत वोट मिले हैं. पिछले एमसीडी चुनाव की तुलना में इसमें काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है. हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में आप का वोट शेयर 53.57% था. इस तरह से विधानसभा चुनाव की तुलना में वोट शेयर घटा है.


बीजेपी को दिल्ली में चेहरा देना होगा 


दिल्ली में आप के पास जहां सीएम अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पार्टी के चेहरे के तौर पर काम करते हैं, वहीं बीजेपी या कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं है. पिछले कुछ सालों में बीजेपी ने कई चेहरों को प्रमोट करने की कोशिश की, लेकिन सभी फेल साबित हुए. पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी भी केजरीवाल को टक्कर नहीं दे पाई थीं. बीजेपी ने भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता और सांसद मनोज तिवारी, डॉ. हर्षवर्धन और विजय गोयल को भी आगे बढ़ाया, लेकिन उन्हें भी वो कामयाबी नहीं मिल पाई. सूत्रों के मुताबिक अब आदेश गुप्ता को भी बदलने की बात चल रही है. आदेश गुप्ता ने खुद इसकी आशंका जताई है.


2024 के लिए करनी होगी मेहनत


दिल्ली में लोकसभा की 7 सीटें हैं और सभी पर बीजेपी का कब्जा है. 2024 के रण में उतरने से पहले बीजेपी को नए सिरे से अपने किलों की घेराबंदी करनी होगी. एमसीडी चुनावों में सिर्फ सांसद मनोज तिवारी, गौतम गंभीर और डॉ. हर्षवर्धन ही अपने क्षेत्र में पार्टी को जिता सके हैं. केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के क्षेत्र में तो पार्टी की हालत सबसे खराब रही. इसलिए 2024 से पहले सांसदों को भी अपने क्षेत्र में समय देना पड़ेगा.  2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी के नाम पर बीजेपी क्लीन स्वीप कर चुकी है. 


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