PM Modi Degree Case: गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने गुरुवार (9 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एमए की डिग्री से जुड़े मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पीएम मोदी की शैक्षिक योग्यता की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए सीआईसी को एक पत्र लिखा था. केजरीवाल ने पत्र में कहा था कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह के भ्रम को दूर करने के लिए डिग्री को सार्वजनिक डोमेन में लाया जाना चाहिए.


सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और केजरीवाल का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता पर्सी कविना की ओर से मामले में दलीलें सुनने के बाद गुजरात हाई कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया. इससे पहले पीएम मोदी के डिग्री संबंधी विवाद को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय ने गुरुवार को हाई कोर्ट से कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून का इस्तेमाल किसी की बचकाना जिज्ञासा को संतुष्ट करने के लिए नहीं किया जा सकता. 


गुजरात विश्वविद्यालय ने क्या कहा?


विश्वविद्यालय ने याचिका दायर कर आरटीआई कानून के तहत प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री की जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उपलब्ध कराने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है. केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के सात साल पुराने आदेश का पालन नहीं करने के लिए आरटीआई अधिनियम के तहत दिए गए अपवादों का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि केवल इसलिए कि कोई सार्वजनिक पद पर है, कोई व्यक्ति उनकी ऐसी निजी जानकारी नहीं मांग सकता है, जो उनकी सार्वजनिक जीवन/गतिविधि से संबंधित नहीं है. 


सॉलिसिटर जनरल ने दी ये दलील


मेहता ने दलील दी कि प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में जानकारी पहले से ही सार्वजनिक रूप पर उपलब्ध है और विश्वविद्यालय ने पूर्व में अपनी वेबसाइट पर विवरण भी पेश किया था. उन्होंने दावा किया कि आरटीआई का उपयोग विरोधियों के खिलाफ तुच्छ हमले करने के लिए किया जा रहा है. हालांकि, केजरीवाल की ओर से पेश वकील ने कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री की जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है, जैसा कि मेहता दावा कर रहे हैं.


वकील ने ‘फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ (एफबीआई) की ओर से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन के आवासों की तलाशी का भी उल्लेख किया और कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. 


केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश पर लगाई थी रोक


जुलाई 2016 में, गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें अहमदाबाद स्थित विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की डिग्री की जानकारी दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को देने को कहा गया था. अप्रैल 2016 में, तत्कालीन सीआईसी (CIC) ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे पीएम मोदी की डिग्री के बारे में केजरीवाल को जानकारी प्रदान करें. 


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