Gujarat Conman Poses As PMO Officier: 'हैलो... एसडीएम सर, पीएमओ के अधिकारी किरण भाई पटेल आपके साथ स्थानीय क्षेत्र के दौरे पर निकलेंगे.' जम्मू-कश्मीर के दूधपथरी के एसडीएम के पास जब ये फोन आया तो उनके हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में पीएमओ के अधिकारी के लिए सारी व्यवस्थाएं की गईं. जिनमें जेड-प्लस सुरक्षा, बुलेटप्रूफ एसयूवी, फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाओं का इंतजाम किया गया. इतना ही नहीं, किरण भाई ने भारी सुरक्षा के बीच बॉर्डर का दौरा भी किया. हालांकि, ये पीएमओ अधिकारी अपने दूसरे जम्मू-कश्मीर दौरे पर गिरफ्तार कर लिए गए.


चौंकिए मत, किरण भाई पटेल पीएमओ अधिकारी नहीं, बल्कि एक ठग भर है. जिसने जम्मू-कश्मीर के पुलिस से लेकर प्रशासनिक अमले को धोखा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. दरअसल, गुजरात के रहने वाले किरण भाई पटेल ने जम्मू-कश्मीर के अपने पहले दौरे पर पुलिस-प्रशासन के बीच अपना परिचय पीएमओ के अधिकारी के तौर पर दिया था. जिसका सोशल मीडिया पर वैरिफाईड अकाउंट था और हजारों फॉलोवर्स के साथ गुजरात बीजेपी के महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला जैसे लोग उन्हें फॉलो करते थे. पीएमओ के इस कथित अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर के दूधपथरी को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक भी की. जिसे अब जाली दस्तावेजों के साथ श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया गया है.


ऐसे बनाया खुद को पीएमओ अधिकारी


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो महीनों तक खुद को पीएमओ अधिकारी बनाए रखने वाले किरण भाई पटेल ने जम्मू-कश्मीर का पहला दौरा बीते साल दिसंबर में किया था. तब से लेकर अब तक वह खुद को एक पीएमओ अधिकारी के तौर पर ही पेश करता रहा है. गुजरात के रहने वाले पटेल ने जाली दस्तावेजों के सहारे अपने लिए आधिकारिक प्रोटोकॉल के तौर पर जेड प्लस सुरक्षा से लेकर लग्जरी 5 सितारा होटल तक की सुविधाएं मांगी. ये धोखेबाज खुद को पीएमओ में अतिरिक्त निदेशक (रणनीति और अभियान) के तौर पर पोस्टेड बताता था.


कैसे हुआ गिरफ्तार?


पीएमओ अधिकारी बन धोखेबाजी कर रहे पटेल ने कुछ दिनों पहले ही दोबारा जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था. जिसे लेकर पुलिस का शक गहरा गया था. इसके बाद पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली और उसने कार्रवाई करते हुए होटल ललित के कमरा नंबर 1107 में रह रहे पटेल को गिरफ्तार कर लिया. बताया जा रहा है कि दूसरे दौरे पर भी इस ठग ने जम्मू-कश्मीर के कई जिलों का दौरा किया था. इतना ही नहीं, दूधपथरी में 'जालसाज' के साथ एसडीएम रैंक का एक अधिकारी भी था. जिसके साथ उसने कई अधिकारियों की मीटिंग भी ली थी.


पुलिस विभाग के सूत्रों के अनुसार, किरण पटेल की पहचान गुजरात के रहने वाले जगदीश पटेल के बेटे के तौर पर हुई है. जो खुद को पीएमओ में अतिरिक्त निदेशक (रणनीति और अभियान) के पद पर तैनात बताता था. पटेल के खिलाफ श्रीनगर पुलिस की ओर से निशात पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें कहा गया है कि उक्त शख्स ने धोखाधड़ी, जालसाजी और प्रतिरूपण का सहारा लेकर भोले-भाले लोगों को ठगा है. जानबूझकर लोगों को आर्थिक और भौतिक लाभों को हासिल करने के लिए योजना के तहत गतिविधियों की हैं.


इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर


एफआईआर के मुताबिक, धोखेबाज के खिलाफ निशात पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके साथ ही मामले की जांच की जा रही है. बताया जा रहा है कि किरण पटेल ने खुद को भारत सरकार का वरिष्ठ अधिकारी बताकर घाटी में अपनी यात्रा के दौरान कम से कम दो उपायुक्तों से मुलाकात की. हालांकि, गिरफ्तार किए जाने के बाद श्रीनगर की एक स्थानीय अदालत ने किरण पटेल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.


यह भी पढ़ें


कश्मीर पर पाकिस्तान ने मानी हार! UN में नहीं मिल रहा सपोर्ट, बिलावल भुट्टो ने भी किया स्वीकार