नई दिल्ली: सरकार और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच बुधवार को सातवीं बार हुई बातचीत हुई. बातचीत से कोई बड़ी उम्मीद नहीं थी, क्योंकि किसानों ने पहले ही अपना रुख़ बरक़रार रखते हुए कहा दिया था कि तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने की उनकी मांग पर कोई समझौता नहीं हो सकता. लेकिन इसके उलट बातचीत सकारात्मक रही. कृषि क़ानूनों को वापस लेने और एमएसपी को क़ानूनी गारण्टी देने के मुद्दों पर तो बात आगे नहीं बढ़ पाई लेकिन दो अन्य मुद्दों पर रज़ामन्दी हो गई.


दो सबसे बड़े मुद्दे पर बातचीत वहीं की वहीं अटकी रही


बैठक में पराली जलाने पर जुर्माने के प्रावधान वाले अध्यादेश में बदलाव कर किसानों को उससे अलग रखने पर सहमति बन गई. वहीं प्रस्तावित बिजली विधेयक को फ़िलहाल टालने पर भी दोनों पक्षों में सहमति बन गई. हालांकि सरकार और किसानों के बीच गतिरोध की दो सबसे बड़े मुद्दे पर बातचीत वहीं की वहीं अटकी रही. दोनों मुद्दों पर पहले की तरह ही कोई समाधान का रास्ता नहीं निकल सका. सरकार ने दोनों ही मुद्दों पर अलग अलग कमिटी बनाकर चर्चा का प्रस्ताव रखा जिसपर किसान संगठनों ने फ़िलहाल कुछ नहीं कहा है. 1 दिसम्बर को हुई बैठक में भी सरकार ने ऐसा ही प्रस्ताव दिया था जिसे किसानों ने अस्वीकार कर दिया था. दोनों ही मुद्दों पर 4 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में चर्चा की जाएगी. बैठक के बाद सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया कि बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से अगली बैठक में कृषि क़ानूनों को वापस लेने का विकल्प भी सुझाने को कहा है. तोमर ने बैठक में कहा कि सरकार दूसरे विकल्पों पर भी विचार करने को तैयार है.


वहीं एमएसपी को लेकर सरकार ने एक बड़ा संकेत भी दिया. सरकार ने किसान संगठनों से कहा कि एमएसपी पर कमिटी बनाकर एमएसपी और बाज़ार मूल्य की खाई पाटने पर चर्चा की जा सकती है. इस बयान से कयास ये लगाए जा रहे हैं कि सरकार मध्य प्रदेश की तर्ज़ पर भावान्तर योजना पर विचार कर सकती है. इस योजना के तहत किसानों को एमएसपी और बाज़ार भाव के अंतर की भरपाई सरकार की ओर से की जाती है.


किसानों के अलावा सरकार ने भी खाया लंगर


बुधवार की बैठक में एक सुखद नज़ारा भी देखने को मिला जिससे पता चलता है कि दोनों पक्षों के बीच जमीं बर्फ़ थोड़ी पिघली है. हर बैठक में किसानों के लिए आने वाले लंगर का खाना बुधवार को न केवल किसानों ने खाया बल्कि बैठक में मौजूद तीनों मंत्रियों ने भी खाया. इतना ही नहीं, किसानों ने टी ब्रेक के दौरान सरकार की ओर से मंगाए गए चाय की चुस्की भी ली. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर , खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने किसानों के साथ ही खाना खाया और चाय भी पी. अभी तक हुई बैठकों में एक को छोड़कर बाक़ी सभी बैठकों में किसानों ने सरकार की ओर से इंतज़ाम किए गए खाना को खाने से और चाय को पीने से मना कर दिया था.


यह भी पढ़ें-


New Year eve: दिल्ली में 31 दिसंबर और 1 जनवरी की रात 11 बजे से नाईट कर्फ्यू, नए साल के जश्न पर पाबंदी


आज से सुपरफास्ट होगी ट्रेनों की बुकिंग, एक मिनट में एक साथ 10 हजार से ज्यादा टिकटों की हो सकेगी बुकिंग