Omicron Variant: कोरोना वायरस के नए म्यूटेशन ओमिक्रोन के सामने आने के बाद से भारत सरकार लगातार स्थिति पर नजर रख रही है. रविवार को गृह सचिव ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. इस बैठक में ऐसे देश जहां केस बढ़ रहे हैं या नए म्यूटेशन के संक्रमण के मामले सामने आए हैं. वैसे रिस्क वाले देशों से आने वाले यात्रियों की जीनोमिक सर्विलांस बढ़ाने का फैसला किया है. साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर कड़ी निगरानी रखने की सलाह दी गई है.


गृह सचिव ने की बैठक


कोरोना के नए म्यूटेशन B.1.1529 जिसे डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रोन का नाम दिया और वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा है. इस म्यूटेशन ने न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. यही वजह है कि पिछले दो दिनों में कोरोना के इस नए वेरिएंट पर दो अहम बैठक हो चुकी है. शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने मौजूदा स्थिति और पब्लिक हेल्थकेयर मेजर के संदर्भ में भारत की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी और आज गृह सचिव ने बैठक की.


वैश्विक स्थिति पर समीक्षा


रविवार को गृह सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें ओमिक्रोन वायरस के मद्देनजर वैश्विक स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई. बैठक में नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वीके पॉल, प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. विजय राघवन और स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न डोमेन के विशेषज्ञ शामिल हुए. बैठक में अलग-अलग उपायों और जिन्हें और मजबूत किया जाना है, पर चर्चा की गई. 



  •  इसमें विदेशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के परीक्षण और सर्विलांस पर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की समीक्षा और अद्यतन, विशेष रूप से उन देशों के लिए जिन्हें 'एट रिस्क' श्रेणी में पहचान की गई थी, पर भी चर्चा की गई.


  • INSACOG नेटवर्क के माध्यम से वेरिएंट के लिए जीनोमिक सर्विलांस और ज्यादा गहनता करने पर खासतौर पर उन देशों के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के सैंपल और व्होल जीनोम सिक्वेंसिंग पर ध्यान केंद्रित करने पर सहमति व्यक्त की गई जहां ओमिक्रोन वेरिएंट के मामले सामने आए हैं.


  • एयरपोर्ट हेल्थ ऑफिसर (एपीएचओ) और पोर्ट हेल्थ ऑफिसर (पीएचओ) को हवाई अड्डों/बंदरगाहों पर टेस्टिंग प्रोटोकॉल के सख्त पर्यवेक्षण के लिए निर्देश दिए गए हैं.


  • मौजूदा वैश्विक हालात के अनुसार शेड्यूल्ड कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवा को फिर से शुरू करने की प्रभावी तिथि पर निर्णय की समीक्षा की जाएगी.


  • MoHFW दिशा-निर्देशों के अनुसार, इन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्कों को भी बारीकी से ट्रैक और परीक्षण किया जाना है.


  • ये अनिवार्य है कि एट रिस्क श्रेणी वाले देशों से यात्रा करने वाले और ट्रांजिट यात्रा करने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री जो भारत में आने वाले हैं, वो स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों में इंगित के अनुसार कठोर ट्रैक और टेस्ट के अधीन हैं.


  • देश के भीतर उभरती महामारी की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी.


इसे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 25 और 27 नवंबर चिट्टी लिखकर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को टेस्टिंग, सर्विलांस, हॉटस्पॉट की निगरानी, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में वृद्धि, जीनोम सिक्वेंसिंग और जन जागरूकता बढ़ाने के बारे में सलाह दी है. 


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