नई दिल्लीः देश में किसान आंदोलन चल रहा है. किसान कृषि बिल के खिलाफ लगभग 16 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों को डर है कि सरकार मंडियां और एमएसपी खत्म कर देगी. लेकिन इस बीच सरकार की ओर से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें बताया कि सरकार ने किसानों से एमसपी के आधार पर पिछले साल के मुकाबले 22.5 प्रतिशत ज्यादा खरीद की है.


मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 22.5 प्रतिशत बढ़कर 368.7 लाख टन तक पहुंच गई है. यह खरीद 69,612 करोड़ रुपये में की गई. शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अक्टूबर 2020 से शुरू हुए मौजूदा खरीफ विपणन सत्र 2020-21 में सरकार लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीफ फसलों की खरीदारी कर रही है.


10 दिसंबर तक 368.7 लाख टन धान की खरीद 


इसमें कहा गया है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिल नाडु, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, आडीशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में 2020- 21 खरीफ सत्र की सरकारी खरीद लगातार सुनियोजित ढंग से चल रही है. बयान में कहा गया है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्यों की अन्य एजेंसियों ने 10 दिसंबर 2020 तक 368.7 लाख टन धान की खरीद कर ली है जबकि इसी अवधि तक पिछले साल 300.97 लाख टन धान की खरीद की गई थी.


39.92 लाख किसानों को फायदा


इसमें कहा गया कि मौजूदा खरीफ विपणन सत्र के तहत एमएसपी पर चल रही खरीदारी से 39.92 लाख किसानों को फायदा हुआ है. यह खरीद कुल मिलाकर 69,611.81 करोड़ रुपये की हुई है. वक्तव्य के मुताबिक धान की कुल 368.70 लाख टन की खरीद में से अकेले पंजाब में 202.77 लाख टन की खरीद की गई है. इस प्रकार खरीफ की धान खरीद में करीब 55 प्रतिशत खरीदारी पंजाब से हुई है.


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