Global Warming: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Minister Bhupendra Yadav) ने रविवार को कहा कि जैव विविधता ऐसी वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करती है, जिनके जरिये एक प्राकृतिक वातावरण तैयार होता है और यह एक अच्छी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री (Minister of Forest and Climate Change) ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि विश्व की अर्थव्यवस्था का लगभग 40 प्रतिशत जैविक उत्पादों पर आधारित है और जैव विविधता के संरक्षण का कोई भी प्रयास 'ग्लोबल वार्मिंग' के कारण उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में सफलता दिलाएगा.


अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (international biodiversity day) के अवसर पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा, 'ग्लोबल वार्मिंग' (Global Warming) को तत्काल नियंत्रित करना होगा.' उन्होंने कहा कि देश राष्ट्रीय स्तर पर अपने जैव विविधता लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर है और वैश्विक स्तर पर जैव विविधता लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.


जैव विविधता संसाधन शासन का एक अनूठा त्रि-स्तरीय मॉडल
यादव ने कहा कि भारत ने राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय निकाय स्तरों पर जैव विविधता संसाधन शासन का एक अनूठा त्रि-स्तरीय मॉडल स्थापित किया है, जिससे देश के सभी हिस्सों को शासन प्रणाली में प्रतिनिधित्व मिलता है.


155 करोड़ की लागत से बनेगा ESI अस्पताल
बाद में, केंद्रीय मंत्री ने पड़ोसी श्रीपेरंबदूर जिले में एक कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआई) अस्पताल के निर्माण के लिए आधारशिला समारोह में भाग लिया, जिसका उद्देश्य आसपास के इलाकों के निवासियों को सुविधा प्रदान करना है. अस्पताल 155 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा और इसमें सामान्य चिकित्सा, सामान्य सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग, आपातकालीन, महत्वपूर्ण देखभाल सहित कई सुविधाएं होंगी.


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