Ghazipur Landfill Site: दिल्ली में गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर खड़ा कूड़े का पहाड़ एक बार फिर चर्चा में हैं. अब यहां फ़िल्म, डॉक्यूमेंट्री या सीरीज शूट करने के लिए पैसे चुकाने होंगे. पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने फिल्म शूटिंग पॉलिसी को अनुमति दे दी है. इस पॉलिसी के तहत पूर्वी दिल्ली नगर निगम के इलाके में अगर कोई भी फिल्म की शूटिंग करना चाहता है, तो उसे सिंगल विंडो परमिशन लेनी होगी. खास बात ये है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के किसी भी लोकेशन पर शूट करने के लिए 75,000 रुपए प्रतिदिन का शुल्क देना होगा, लेकिन अगर कोई गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर शूटिंग करना चाहता है तो उसे 2 लाख रुपए प्रतिदिन का शुल्क देना होगा. इसके साथ ही 25 हज़ार रुपए का सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा जो रिफंडेबल होगा.


पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल के मुताबिक गाजीपुर लैंडफिल साइट की काफी डिमांड है यहां पर फिल्म की शूटिंग के लिए 2 लाख रुपए हर दिन लिए जाएंगे. लैंडफिल साइट पर फिल्म की शूटिंग के लिए कई आवेदन आए थे, अब भी कई लोगों ने परमिशन मांगी है. लेकिन यदि कोई जन जागरूकता के लिए कूड़े के पहाड़ पर शूटिंग करना चाहता है, डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहता है, तो उसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. इसके अलावा EDMC के पार्कों, हॉस्पिटल, सामुदायिक भवन जैसी जगहों पर शूटिंग के लिए 75 हजार रुपए हर दिन के लिए जाएंगे. जब तक शूटिंग चलेगी वहां पर साफ सफाई और देखरेख की व्यवस्था पूर्वी दिल्ली नगर निगम की तरफ से की जाएगी.


पूर्वी दिल्ली नगर निगम की इस पॉलिसी पर अब आदमी पार्टी ने निशाना साधते हुए बीजेपी पर पूरी दुनिया में दिल्ली की छवि को बदनाम करने का आरोप लगाया है. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पूरी दुनिया मे गाजीपुर लैंडफिल साइट सिर्फ कूड़े का पहाड़ नही है बल्कि दिल्ली के लिए शर्म का पहाड़ है. अगर कोई पंजाब, हरियाणा या उत्तरप्रदेश से दिल्ली में आता है तो कूड़े के पहाड़ देखकर क्या छवि बनाता होगा. कूड़े के पहाड़ पर फ़िल्म शूट करने के लिए अब निगम फीस लेगा, जिससे साफ है कि भाजपा शासित नगर निगम दिल्ली के लोगों को और हिंदुस्तान की राजनीति को बदनाम करने के लिए ऐसा कदम उठा रहा है. आम आदमी पार्टी का अनुरोध है कि जब जब दिल्ली नगर निगम फ़िल्म शूटिंग करवाए तो फ़िल्म में कूड़े के पहाड़ को दिखाते समय ये ज़रूर लिखा जाए कि 'इस कूड़े के पहाड़ का श्रेय दिल्ली में भाजपा शासित नगर निगम को जाता है' वरना इससे दिल्ली सरकार बदनाम होगी.


कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई कम करने के सवाल पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई कम करने में बीजेपी सांसद गौतम गंभीर का कोई योगदान नहीं है. इस योजना में न सांसद फंड और न केंद्र सरकार ने फंड दिया है. बल्कि फंड का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली सरकार और एक छोटा हिस्सा नगर निगम ने दिया है. कोर्ट द्वारा बनाई कमेटी के अध्यक्ष दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी हैं जिनकी देखरेख में कूड़ा हटाने का काम चल रहा है. सौरभ भारद्वाज का कहना है कि होर्डिंग लगाकर निगम करोड़ों रूपए कमा सकता है लेकिन ये अजब गज़ब बात है कि भाजपा निगम कूड़े के पहाड़ से 2 लाख रूपए कमाना चाहता है.


अगले साल दिल्ली में नगर निगम चुनाव होने हैं ऐसे में एक बार गाज़ीपुर लैंडफिल साइट को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है. सवाल ये है कि दिल्ली के लिये परेशानी और शर्म का सबब बन चुकी इस लैंडफिल साइट को लेकर निगम चुनावों में राजनीतिक पार्टियों का रूख क्या होगा? 



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