Galwan Valley Clash: भारत-चीन सीमा के पास गलवान घाटी में तीन साल पहले कई भारतीय जवान शहीद हो गए थे. चीनी सैनिकों की घुसपैठ को रोकने के दौरान हुई इस घटना में दोनों तरफ से जवानों में जमकर झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए. वहीं कई चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी जानकारी सामने आई. गलवान में हुई इस घटना के तीन साल पूरे होने पर विपक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि चीन के मामले पर सरकार ने लोगों को अंधेरे में रखा है. 


मल्लिकार्जुन खरगे ने उठाए सवाल 
गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा, "तीन साल पहले गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 20 वीर जवानों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि, मोदी सरकार की नाकामियों के चलते LAC पर इन तीन सालों में पूर्व यथास्थिति अब नहीं है. हम 65 में से 26 Patrolling Points (PP) पर अपना अधिकार खो चुके हैं."






मोदी सरकार ने पहना है चीनी चश्मा- खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने आगे लिखा, हमने संसद में ये मुद्दा कई बार उठाने की कोशिश की है, पर मोदी सरकार देशवासियों को अंधेरे में रखना चाहती है. गलवान पर मोदी जी की 'CLEAN CHIT' की वजह से चीन अपने नापाक इरादों में सफल होता दिख रहा है. ये हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता पर गहरा आघात है. मोदी सरकार की "लाल आंख" धुंधली पड़ गई है, जिस पर उसने चीनी चश्मा पहन रखा है! विपक्ष में रहकर हमारा काम है, देश को चीनी विस्तारवादी नीति के खिलाफ एकजुट रखना और मोदी सरकार के चीनी चश्मे उतार फेंकना!


प्रियंका गांधी ने भी किया ट्वीट
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के अलावा पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी शहीद जवानों को याद किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "देश की रक्षा करते हुए गलवान घाटी में शहीद हुए सभी वीर जवानों को नमन, हम वीर जवानों की शहादत कभी नहीं भूलेंगे और इस सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा उनके ऋणी रहेंगे."


एलएसी पर लगातार चल रहे तनाव के बीच गलवान घाटी में भारत और चीन के जवान आमने-सामने आ गए. इस दौरान चीनी सैनिक कंटीली तारों वाले डंडों से लेस थे. जिनसे उन्होंने भारतीय जवानों पर हमला कर दिया. इस खूनी संघर्ष में 20 जवान शहीद हो गए. इस बड़ी घटना के बाद विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए थे और चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की थी. 


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