चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर G216 नाम से एक और हाईवे बनाया है. दोनों देशों के बीच विवादित जगह के एकदम करीब तैयार किए गए इस हाईवे को भारत के लिए खतरे के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए कि अगर कल को चीन और भारत के बीच सीमा पर तनाव बढ़ता है तो इस हाईवे के जरिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक तेजी से बॉर्डर पर अपनी पहुंच बढ़ा सकते हैं. न्यू हाईवे G216 को साल 2022 में बनाने का फैसला हुआ था. चीन के शिनजियांग और तिब्बत के बीच बना यह हाईवे अक्साई चिन से होकर गुजरता है.


न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में चीन ने सीसीटीवी फुटेज जारी कर हाईवे शुरू करने का ऐलान किया था. तब बताया था कि हाईवे को उरुमकी से यूली काउंटी के बीच शुरू किया गया है. ये दोनों ही इलाके चीन के शिनजियांग प्रांत के अंतर्गत आते हैं. ऑनलाइन फुटेज में नए हाईवे को शिनजियांग में अक्साई चिन से गुजरते हुए दिखाया गया है. इस क्षेत्र को लेकर भारत लद्दाख में होने का दावा करता है.


गलवन की घटना के बाद हाईवे बनाने का लिया था फैसला
चीन ने मई, 2020 में सीमा पर भारतीय सैनिको के साथ हुई झड़प के बाद नया हाईवे बनाने पर विचार किया और तेजी से इस पर काम शुरू कर दिया. इस हाईवे का काम लगभग पूरा हो चुका है. हालांकि, यहां चीन का एक और हाईवे भी है, लेकिन चीन आगे किसी भी इस तरह की घटना के लिए सिर्फ एक ही सड़क पर निर्भर नहीं होना चाहता था. इसके लिए उसने G216 को बनाने का फैसला किया. यहां पहले से मौजूद G219 हाईवे शिंजियांग और तिब्बत से होकर गुजरता है और अक्साई चिन से लगता है.


माओत्से तुंग का सपना जिनपिंग ने किया पूरा
नए हाईवे को बनाने की कवायद 72 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन बीच में किसी ना किसी वजह से इसे पूरा नहीं किया जा सका. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग नए अधिग्रिहत प्रांत सिंकियांग (अब शिनजियांग) को 1951 से तिब्बत से जोड़ना चाहते थे. अब शी जिनपिंग ने G216 के रूप में 72 साल पुराना यह सपना पूरा कर दिया है.


एक और हाईवे बनाने पर भी चल रहा काम
G216 और G219 शिनजियांग से निकलने वाले मुख्य राजमार्म से जुड़ते हैं इसलिए ये सैन्य बलों के लिए साजो-सामान ले जाने वाले हाईवे बन गए हैं. इन दोनों हाईवे के अलावा G695 नाम से चीन एक और हाईवे भी बनाने में लगा है, जो वास्तिवक नियंत्रण रेखा से सिर्फ 10 य 15 किलोमीटर की दूरी से होकर गुजरेगा. इसका काम 2035 तक पूरा होने की उम्मीद है.


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