Indian Space Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के सबसे बड़े और महत्वाकांक्षी मिशन गगनयान (Gaganyaan Mission) को लेकर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Agency ISRO) ने कमर कस ली है. भारत (India) का पहला मानव मिशन 2023 में अंतरिक्ष (Space) के लिए उड़ान भरेगा. इस मिशन में भारत के तीन अंतरिक्ष यात्री (Astronaut) भी होंगे.


2023 की गगनयान की असली उड़ान से पहले तीन टेस्ट मिशन भी भेजे जाएंगे. ये तीन टेस्ट मिशन मानवरहित होंगे और इनमें भारत एक ह्यूमनॉयड (Humanoid) यानी रोबोट को भेजा जाएगा. इसीलिए इसरो ने'व्योमम‍ित्र' (Vyommitra) नाम की महिला रोबोट तैयार की है, जिसे अंतरिक्ष में सभी रिसर्च के बाद भेजा जाएगा. यह 'हाफ ह्यूमनॉयड' (इंसानी) रोबोट व्योमित्रा अंतरिक्ष से इसरो को अपनी र‍िपोर्ट भेजेगी.


गगनयान से जुड़े एक्सपो का आयोजन


आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्कूली बच्चों और आम लोगों के लिए इसरो ने गगनयान से जुड़ा एक्सपो रखा है, जिसमें लोगों को इससे जुड़ी जानकारी दी जाएगी. आपको बता दें कि इस मिशन को HLVM3 अपने साथ लेकर उड़ान भरेगा. HLVM3, GSLVMk3 जैसा ही है लेकिन इसमें व्हीकल के ऊपरी भाग में इमरजेंसी क्रू एस्केप सिस्टम तैयार किया गया है. इसलिए इसका नाम GSLV Mark 3 की जगह HLVM 3 रखा गया है.


क्रू एस्केप सिस्टम के ठीक नीचे ओम (OM) यानी ऑर्बिटल मॉड्यूल होगा. इस ऑर्बिटल मॉड्यूल में के दो भाग होंगे जिसमे ऊपरी भाग में क्रू मॉड्यूल और निचले भाग में सर्विस मॉड्यूल होगा. क्रू मॉड्यूल में भारत के तीन अंतरिक्ष यात्री होंगे. इसके अंदर की ओर मेटैलिक स्ट्रक्चर और बाहर थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम से तैयार किया गया है. साथ ही इसमें लाइफ सपोर्ट सिस्टम, यात्रियों के लिए फूड एंड वाटर मैनेजमेंट सिस्टम जैसे कि फूड पैकेट्स, वाटर पाउच भी रहेंगे. ह्यूमन वेस्ट मैनेजमेंट, जैसे कि क्रू के बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स, फूड, क्लोथिंग और पैकेजिंग वेस्ट के कलेक्शन और स्टोरेज मौजूद होंगे. इसके अतिरिक्त केबिन प्रेशर कंट्रोल सिस्टम, फायर डिटेक्शन और सुप्रेशन सिस्टम मौजूद होंगे.


3 दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे तीन अंतरिक्ष यात्री


भारत अपने पहला अंतरिक्ष मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों को भी भेजेगा, जिसे 3 दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. जो कि करीब 400 किलोमीटर की ऊंचाई के ऑर्बिट में रहेगा. यह मिशन 3 दिन अंतरिक्ष में रहकर पृथ्वी की ओर लौट आएगा. इसे भारत के समंदर से टच डाउन करने के बाद रिकवर किया जाएगा.


इस मिशन के लिए अलग-अलग टेस्ट भी प्लान किए गए हैं. जिसमें इंटीग्रेटेड एर ड्रॉप टेस्ट, टेस्ट व्हीकल मिशंस, पैड अबॉर्ट टेस्ट, मानव रहित फ्लाइट इन सबके बाद आखिर में भारत के मानव मिशन को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसके लिए बकायदा इसरो ने डीआरडीओ की मदद के साथ भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक विशेष सूट तैयार किया है.


कोरोना संक्रमण के कारण मिशन में हुई देरी


भारत ने इस क्रू माड्यूल को टेस्ट के तौर पर पहली बार दिसंबर 2014 में भेजा था. धरती से 126 किलोमीटर की दूरी तक जाकर इसने फिर से री एंट्री लेकर बंगाल की खाड़ी में स्प्लैश हुआ था. यह मानव रहित टेस्ट था. उस वक्त इस प्लान के मुताबिक उसे अंडमान के समंदर के नजदीक से रिकवर किया था.


इसरो ने इस मिशन के लिए कई नेशनल कोलैबोरेशंस भी किए हैं. जिसमें आईएमडी, बार्क, डीआरडीओ, सीएसआईआर, इंडियन कोस्ट गार्ड, इंडियन नेवी, इंडियन एयर फोर्स, आईआईटी मद्रास कानपुर और पटना, आईआईएसटी, एनआईओटी, आईआईएससी जैसे अन्य संस्थान शामिल है.


दरअसल यह मिशन भारत (India) के 75 वें स्वतंत्रता दिवस (75th Independence Day) के मौके पर लांच करने का प्लान किया गया था, लेकिन कोविड-19 (Covid-19) से कारण इस मिशन में देरी हो गई. अब उम्मीद की जा रही है कि अगले साल के अंत तक इस मिशन को पूरा कर दिया जाएगा. इसरो के वैज्ञानिकों की टीम दिन-रात इस मिशन को पूरा करने में जुटी हुई है.


इसे भी पढ़ेंः
Presidential Election Result: द्रौपदी मुर्मू के घर जाकर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बनने की दी बधाई, कहा- भारत ने इतिहास रच दिया


Presidential Election 2022: नालंदा के छोटे से गांव से राष्ट्रपति की उम्मीदवारी का सफर, जानिए यहां तक कैसे पहुंचे यशवंत सिन्हा