India Gaganyaan Programme ISRO Missions: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) गगनयान (Gaganyaan) कार्यक्रम के तहत इस साल के अंत में दो शुरुआती मिशन लॉन्च करेगा, जिसके बाद 2024 में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष-उड़ान मिशन को अंजाम दिया जाएगा. यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने दी.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय विज्ञान-प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2023 के मिशन के दूसरे हिस्से में 'व्योममित्र' नामक एक फीमेल रोबोट को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा. 


इस वजह से हो गई मिशन में देरी


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन मिशन को भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में लॉन्च करने के बारे में सोचा गया था लेकिन कोरोना के उबरने के कारण इन कार्यक्रमों में दो से तीन साल की देरी हुई. उन्होंने कहा कि महामारी के कारण रूस में उस समय चल रहे हमारे अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण को रोक दिया गया था. हालात थमने के बाद उन्हें ट्रेनिंग पूरी करने के लिए वापस भेज दिया गया.


मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ''इस साल की दूसरी छमाही में गगनयान कार्यक्रम के तहत दो शुरुआती मिशन भेजे जाएंगे. पहला मिशन पूरी तरह से मानव रहित होगा और दूसरे में  व्योममित्र नाम की फीमेल रोबोट भेजी जाएगी.'' उन्होंने कहा कि मिशन प्रकिया को पूरा करेंगे.


'आत्मनिर्भर भारत का सबसे अच्छा उदाहरण'


केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दोनों मिशनों का उद्देश्य यह तय करना है कि गगनयान रॉकेट उसी रूट से सुरक्षित वापस लौट आए, जहां से वह उड़ान भरेगा. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष भारतीय मूल का व्यक्ति अंतरिक्ष में जाएगा. उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक राकेश शर्मा पहले ही अंतरिक्ष में जा चुके हैं लेकिन वह मिशन सोवियत रूस ने लॉन्च किया था जबकि गगनयान एक भारतीय मिशन है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''गगनयान मिशन आत्मनिर्भर भारत का सबसे अच्छा उदाहरण होगा. भारत की अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में यह मील का पत्थर साबित होगा.'' 


बता दें कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने स्वतंत्रता दिवस वाले संबोधन में 10 हजार करोड़ रुपये की लागत के गगनयान मिशन की घोषणा की थी.


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