EAM S Jaishankar and Chinese FM Wang Yi Meet: आज यानी कि गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंडोनेशिया में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सीमा के ताजा हालातों पर चर्चा हुई. इसमें लद्दाख क्षेत्र में सैन्य  गतिरोध का मुद्दा भी शामिल था.  विदेश मंत्रियों के बीच पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना और चीनी आर्मी के बीच गतिरोध को समाप्त करने के लिए जारी बातचीत पर गतिरोध को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा हुई. जयशंकर और वांग यी करीब एक घंटे तक बैठक करते रहें. अप्रैल-मई 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध शुरू होने के बाद से जयशंकर और वांग के बीच यह चौथी बैठक है. बता दें कि जयशंकर जी20 विदेश मंत्रियों की 7 और 8 जुलाई को बाली में आयोजित  बैठक में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया गए हैं.  


जयशंकर ने इस बैठक को लेकर जानकारी देते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा,  'राजधानी बाली में दिन की शुरुआत वांग यी के साथ मुलाकात से हुई. एक घंटे तक कई मुद्दों पर चर्चा हुई.' उन्होंने आगे लिखा, 'सीमा की स्थिति से संबंधित हमारे द्विपक्षीय संबंधों को लेकर जरूरी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसके साथ ही स्टूडेंट्स और फ्लाइट सहित अन्य मामलों के बारे में भी बातें की गई.'


 






गौरतलब है कि कुछ समय पहले चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत और चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारतीय छात्रों की वापसी का मुद्दा उठाया था. भारत और चीन ने कोविड-19 संबंधी बीजिंग के प्रतिबंधों के कारण दो साल से घरों में फंसे हजारों भारतीय छात्रों की वापसी पर चर्चा की थी. इसके अलावा कोरोना वायरस महामारी से बाधित सीधी उड़ानें बहाल करने के 
विषय पर बातचीत हुई थी.


बता दें कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच 5 मई, 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं. उस वक्त पैंगोंग त्सो क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसके बाद से गतिरोध बरकरार है. चीन पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग झील के आसपास अपने कब्जे वाले क्षेत्र में एक पुल का निर्माण कर रहा है. 


गलवान घाटी विवाद


15 जून 2020 को गलवान घाटी संघर्ष के दौरान भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं चीन के 4 सैनिक मारे गए थे. दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता हुई है लेकिन गतिरोध अब भी बरकरार है. वर्तमान में चीन और भारत ने लद्दाख क्षेत्र में लगभग 50,000 सैनिकों को तैनात किया है.


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