G20 Summit 2023: भारत की अध्यक्षता में दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन रविवार (10 सितंबर) को खत्म हो गया. इसमें सबसे अहम फैसले में से एक अफ्रीकी संघ का ग्रुप का स्थायी सदस्य बनना. वहीं दूसरा नई दिल्ली घोषणापत्र (नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) पर आम सहमति बनना रहा. 


समिट में हिस्सा लेने अमेरिकी के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित कई नेता आए. 


जी20 समिट के समापन के साथ अमेरिका, रूस और फ्रांस सहित अन्य देशों ने भारत की अध्यक्षता में हुई बैठक के नतीजों की सराहना की. वहीं समापन सत्र में पीएम मोदी ने जी20 की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को पारंपरिक गेवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा. उन्होंने साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता की पैरवी की


पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (10 सितंबर) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के विस्तार और दुनिया की नयी वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए सभी वैश्विक संस्थाओं में सुधारों पर नए सिरे से जोर दिया.


जी20 शिखर सम्मेलन के एक भविष्य सत्र में पीएम मोदी ने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि दुनिया को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के लिए वैश्विक निकायों को आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए.’’  उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी तो दुनिया अलग थी और अब सदस्य देशों की संख्या लगभग 200 हो गई है.


पीएम मोदी ने कहा, ‘‘बावजूद इसके, यूएनएससी में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं. तब से आज तक दुनिया हर लिहाज से बहुत बदल चुकी है. परिवहन हो, संचार हो, स्वास्थ्य, शिक्षा, हर क्षेत्र का कायाकल्प हो चुका है. ये नयी वास्तविकताएं हमारी नयी वैश्विक संरचना में प्रतिबिंबित होनी चाहिए.


यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस शामिल हैं. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते वर्षों में अनेक क्षेत्रीय मंच अस्तित्व में आए हैं, और ये प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं.’’ 


ब्राजील ने क्या कहा?
ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को जी20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा.  लूला ने यह भी कहा कि यूएनएससी को राजनीतिक ताकत हासिल करने के लिये स्थायी और गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में नए विकासशील देशों की जरूरत है, जबकि विश्व बैंक और आईएमएफ में उभरते देशों को अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिये.


सिल्वा ने कहा, ‘‘मैं आज भावुक हो गया, जब मैंने प्रिय (महात्मा) गांधी को श्रद्धांजलि अदा की. मेरे राजनीतिक जीवन में, गांधी के बहुत मायने हैं. अहिंसा एक ऐसा सिद्धांत है, जिसका मैं पालन करता हूं.’’


अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस साल के जी20 शिखर सम्मेलन ने साबित कर दिया है कि यह समूह अपने सबसे अहम मुद्दों का अब भी समाधान निकाल सकता है.  शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए बाइडेन, महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद वियतनाम रवाना हो गए.


बाइडन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जब वैश्विक अर्थव्यवस्था जलवायु संकट, नाजुक स्थिति और संघर्ष से जूझ रही है, ऐसे समय में इस साल के शिखर सम्मेलन ने साबित कर दिया कि जी20 अब भी हमारे सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकाल सकता है.’’ 


बाइडेन को उद्धृत करते हुए एक सूत्र ने कहा, ‘‘अफ्रीकी संघ एक महत्वपूर्ण साझेदार है. आप (मोदी) हमें एकसाथ ला रहे हैं, हमें साथ रख रहे हैं, हमें याद दिला रहे हैं कि हम चुनौतियों से साथ मिलकर निपट सकते हैं. 


ऋषि सुनक ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी हिंदुस्तान की तारीफ की.  सुनक को एक बैठक में यह कहते हुए एक सूत्र ने उद्धृत किया, ‘‘भारत के नेतृत्व के तहत, हमने प्रदर्शित किया कि हम ऐसे समय में एक साथ आ सकते हैं, जब इसकी असल में ज्यादा जरूरत है.


उन्होंने आगे कहा, '' जब आप भारत मंडपम में चल रहे थे और डिस्प्ले को देखा, हम देख सकते हैं कि पीएम मोदी, डिजिटल पहल और प्रौद्योगिकी क्या कर सकते हैं--हमारे राष्ट्र के कोने-कोने में लोगों को सेवा प्रदान करना. ’’


रूस क्या बोला?
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन कई मायनों में महत्वपूर्ण सम्मेलन है,, क्योंकि इसके नतीजों ने दुनिया को कई चुनौतियों पर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया और ग्लोबल साउथ की ताकत और महत्व का प्रदर्शन किया. 


दरअसल ग्लोबल साउथ शब्द का इस्तेमाल अक्सर विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए किया जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं जी20 के राजनीतिकरण के प्रयासों को रोकने के लिए भारत के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं। पश्चिमी देशों का आधिपत्य नहीं कायम हो पाएगा, क्योंकि हम दुनिया में सत्ता के नये केंद्र उभरते हुए देख रहे हैं।’’


फ्रांस ने की ताऱीफ
पीएम मोदी के साथ दोपहर के भोजन पर बैठक के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि मौजूदा विभाजित माहौल को देखते हुए, भारत ने जी20 अध्यक्ष के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्होंने भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी का जिक्र करते हुए कहा कि यह संबंध द्विपक्षीय संबंधों से कहीं अधिक है. दोनों देशों को दुनिया के विखंडन का विरोध करने की दिशा में काम करना होगा. 


भारत-फ्रांस रक्षा संबंधों के बारे में मैक्रों ने विस्तृत ब्योरा दिए बिना कहा कि आने वाले महीनों और वर्षों में अतिरिक्त करार होंगे. रक्षा उपकरणों की खरीद भी की जाएगी. 


तुर्किये ने क्या कहा?
तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन एर्दोगन ने कहा, ''मैं जी-20 की बेहद सफल अध्यक्षता के लिए भारत को धन्यवाद देता हूं. मुझे, मेरी पत्नी और पूरा प्रतिनिधिमंडल की मेहमाननवाज़ी के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं. 


अफ्रीकी संघ क्या बोला?
अफ्रीकी संघ (AU) शनिवार (8 सितंबर) को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह जी20 का स्थायी सदस्य बन गया. पीएम मोदी ने दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को नए सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने की घोषणा की.  


एयू के अध्यक्ष ने अजाली असौमानी ने कहा भारत की तारीफ करते हुए कहा कि वो चीन से आगे निकल गया है. 


अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष  ने किया पीएम मोदी का किया जिक्र
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत के ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’ संदेश की गूंज जी20 शिखर सम्मेलन में सभी प्रतिनिधियों के बीच जोरदार ढंग से सुनाई दी. 


गोपीनाथ ने शनिवार रात को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’पर पोस्ट किया, ‘‘इतने सफल जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई. ’’ उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’ संदेश सभी प्रतिनिधियों के बीच जोरदार ढंग से गूंजा. 


घोषणापत्र में क्या है?
नयी दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) पर आम सहमति बनी. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर जी20 नेताओं के घोषणापत्र का पाठ विभाजनकारी आम सहमति के बजाय समान राय वाली आम सहमति है. यह संकट के समाधान का रास्ता दिखा सकता है.


जी20 शिखर सम्मेलन में भारत को शनिवार को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई, जहां इस प्रभावशाली समूह ने 37 पन्ने के घोषणापत्र को सर्वसम्मति के साथ अपना लिया. भारत ने घोषणापत्र में विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर शत प्रतिशत आम सहमति हासिल की, जिसमें यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का उल्लेख करने से परहेज किया गया और सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के सिद्धांत का पालन करने का आह्वान किया गया.


नवंबर में होगा डिजिटल सत्र
पीएम मोदी ने भारत की अध्यक्षता के दौरान जी20 में लिए गए फैसलों पर हुई प्रगति की समीक्षा के लिए नवंबर में एक डिजिटल सत्र के आयोजन का भी प्रस्ताव दिया. भारत की अध्यक्षता के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि में शनिवार को 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को भी स्थायी सदस्यता प्रदान की गई.


उन्होंने कहा, ‘‘भारत के पास नवंबर तक जी20 अध्यक्षता की जिम्मेदारी है. अभी ढाई महीने बाकी हैं. इन दो दिनों में, आप सभी ने अनेक बातें यहां रखी हैं, सुझाव दिए हैं, बहुत सारे प्रस्ताव रखे हैं. हमारी ये जिम्मेदारी है कि जो सुझाव आए हैं, उनको भी एक बार फिर देखा जाए कि उनकी प्रगति में गति कैसे लाई जा सकती है.’’ 


उन्होंने संस्कृत के एक श्लोक का संदर्भ देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं सौहार्द की प्रार्थना की.


इनपुट भाषा से भी. 


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