बेंगलूरू: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने आज कहा कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने कुमारस्वामी के पूरे पांच साल मुख्यमंत्री बने रहने के तौर-तरीकों पर अब तक चर्चा नहीं की है. फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले परमेश्वर ने यह बात कही. यह पूछे जाने पर कि क्या कुमारस्वामी पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहेंगे तो परमेश्वर ने कहा, ‘‘ हमने उन तौर-तरीकों पर अब तक चर्चा नहीं की है.’’

चर्चा के बाद नफा और नुकसान को देखते हुए फैसला करेंगे: जी परमेश्वर

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ अभी इस बात पर फैसला किया जाना भी बाकी है कि कौन से विभाग उन्हें दिए जाएंगे और कौन हम लोगों के पास रहेगा. उन्हें पांच साल रहना चाहिये या हमें भी मिलेगा, उन तमाम विषयों पर हमने अब तक चर्चा नहीं की है. ’’ यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री का पद जेडीएस को पूरे पांच साल के लिए देने को लेकर कांग्रेस संतुष्ट है? परमेश्वर ने कहा , ‘‘ चर्चा के बाद नफा और नुकसान को देखते हुए हम फैसला करेंगे. हमारा मुख्य ध्येय अच्छा प्रशासन देना है. ’’

शपथ ग्रहण से पहले कुमारस्वामी ने उन खबरों को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि उनकी पार्टी अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के साथ 30-30 महीने के लिए सरकार का नेतृत्व करने के फार्मूले पर काम कर रही है. कुमारस्वामी ने कहा था, ‘‘इस तरह की कोई बातचीत नहीं हुई है.’’

किसी ने भी राहुल गांधी से कोई पद नहीं मांगा: जी परमेश्वर

यह पूछे जाने पर कि उपमुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी की पसंद और विभागों से संबंधित मुद्दों पर कांग्रेस के कई नेताओं के नाखुश होने के बारे में पूछे जाने पर परमेश्वर ने कहा कि किसी ने भी उनसे या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से कोई पद नहीं मांगा है. परमेश्वर केपीसीसी के भी अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस बारे में सिर्फ मीडिया में खबरें देखी हैं.’’

नेताओं के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं: जी परमेश्वर

नेताओं के बीच किसी भी तरह के मतभेद से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि पद मांगने में कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस पार्टी में कई नेता हैं जो उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बनने में सक्षम हैं. यह कांग्रेस पार्टी की ताकत है. ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ जब हम गठबंधन सरकार में हैं तो इस बात का फैसला कांग्रेस आला कमान को करना है कि इस स्थिति में किसे कौन सा पद दिया जाए. ’’

डीके शिवकुमार से जुड़े सवाल पर जी परमेश्वर ने दिया ये जवाब

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार के नाखुश होने और कुछ विधायकों के साथ अलग से बैठक करने के बारे में पूछे जाने पर परमेश्वर ने कहा , ‘‘ सभी विधायक साथ हैं और हम शक्ति परीक्षण में सफल होंगे. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘चर्चा , समूह बैठक हुई हो या नहीं, लेकिन तथ्य यह है कि हम एकजुट हैं. मैं सिर्फ यही कह सकता हूं.’’

खबरों में कहा जा रहा है कि शिवकुमार पार्टी नेतृत्व से नाखुश हैं. वह भी उपमुख्यमंत्री पद के दावेदार थे. शिवकुमार ने येदियुरप्पा सरकार के विश्वास मत से पहले पार्टी के विधायकों को साथ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह कथित तौर पर उपमुख्यमंत्री पद नहीं मिलने से नाखुश हैं.

शिवकुमार को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग पर उन्होंने कहा, ‘‘ यह खुशी की बात है कि वह अध्यक्ष बनेंगे क्योंकि कोई अनुभवी नेता पार्टी की अगुवाई करेगा.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कोई और नेता उनके साथ उपमुख्यमंत्री बनेगा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है. परमेश्वर ने कहा कि शक्ति परीक्षण के बाद कांग्रेस और जेडीएस के नेता साथ मिलकर समन्वय समिति के बारे में फैसला करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ साथ ही हम न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने के लिये एक पैनल बनाएंगे. ’’

कुछ क्षेत्रों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिये ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया

जी परमेश्वर ने दावा कि चुनाव में पार्टी की हार नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मत प्रतिशत बीजेपी से अधिक था. परमेश्वर ने कहा कि एक समिति का गठन किया जाएगा जो पूरे राज्य में घूमकर पार्टी की हार के कारणों का पता लगाएगी. हालांकि, उन्होंने कुछ क्षेत्रों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिये ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया.

परमेश्वर ने कहा कि इस बात की संभावना हो सकती है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई हो. उन्होंने कहा कि पार्टी को सूचना मिली है कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में जहां 70-80 फीसदी मतदाता कांग्रेस के हैं, वहां भी बीजेपी को सर्वाधिक बढ़त हासिल हुई. उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिये ईवीएम में छेड़छाड़ का संदेह है.’’ उन्होंने कहा कि वह इस बात की शिकायत नहीं कर रहे हैं कि सभी 222 विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम में छेड़छाड़ हुई.

यह कहे जाने पर कि उनकी पार्टी ने 12 मई का चुनाव ईवीएम की जगह मत पत्रों से कराने की मांग की थी तो इसपर परमेश्वर ने कहा, ‘‘ आने वाले दिनों में हम मत पत्रों से चुनाव कराने की मांग करेंगे और हम ईवीएम नहीं चाहते हैं.’’