नई दिल्लीः देश के लोकसभा चुनाव 5 साल के लिए नई केंद्र सरकार का भाग्य तय करते हैं और 2019 में आने वाले लोकसभा चुनाव में भी ऐसा ही होने वाला है. देश की राजनीति में उत्तर भारत का हिस्सा काफी अहम है और यहां की 151 सीटें काफी हद तक चुनावी तस्वीर साफ करने का काम करती हैं. भारत के इसी हिस्से में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब, हरियाणा जैसे राज्य आते हैं जो सियासी मोर्चे पर काफी अहम हैं. जानिए उत्तर भारत में अगर आज होंगे चुनाव तो क्या हो सकता है हाल..
उत्तर भारत में कैसी होगी चुनावी तस्वीर उत्तर भारत की 151 सीटों की बात करें तो अभी चुनाव हों तो एनडीए को भारी नुकसान होने की आशंका है. एनडीए को 86 से 94 सीटें मिल सकती हैं जबकि 2014 में उत्तर भारत में एनडीए को 134 सीटें मिली थीं.
अगर अभी चुनाव हों तो यूपीए को 23 से 27 सीटें मिल सकती हैं जबकि साल 2014 के चुनावों में यूपीए को सिर्फ 8 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. यानी इस लिहाज से देखा जाए तो यूपीए को भारी फायदा होता हुआ दिख रहा है.
2018 मई यानी अभी चुनाव हों तो और अन्य को 33 से 39 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि साल 2014 के चुनावों में अन्य को 9 सीटें मिली थीं. इन अन्य में समाजवादी पार्टी की सीटों की संख्या अच्छी खासी बढ़ने का अनुमान है.
उत्तर भारत में विपक्ष के एकजुट होने के असर एनडीए के प्रदर्शन पर साफ नजर आ रहा है. उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली राज्य आते हैं और विपक्षी पार्टियों की एकता का असर ये देखा जा रहा है कि यूपीए की सीटों में भी अच्छा खासा इजाफा देखा जा रहा है और अन्य की सीटें भी बढ़ रही हैं.
कैसे हुआ सर्वे?- मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर एबीपी न्यूज़ ने CSDS-लोकनीति के साथ देश का मूड जानने की कोशिश गई. ये सर्वे 28 अप्रैल 2018 से 17 मई 2018 के बीच किया गया है, 19 राज्यों में 700 जगहों की 175 लोकसभा सीटों पर जाकर 15859 लोगों की राय ली गई.