इंटरपोल ने पंजाब नेशनल बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के आरोपी मेहुल चौकसी के खिलाफ रेड नोटिस को हटा दिया है. इसी के साथ सबका ध्यान विदेश भागे भगौड़ों पर एक बार फिर से केन्द्रित हो गया है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्रीय एंजेसियों का इस्तेमाल सरकार विपक्षी नेताओं के खिलाफ कर रही थी. इन्ही एंजेसियों के जरिए "मेहुल भाई" को मुफ्त पास मिल रहा था .


बता दें कि 270 से ज्यादा भारतीय ऐसे हैं, जिनके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया गया है. इनमें से 30 से ज्यादा आर्थिक अपराधी हैं. इन अपराधियों पर बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिग या बैंक धोखाधड़ी के आरोप है. अब भारत सरकार इन धोखेबाजों को देश वापस लाने के लिए कोशिशें कर रही हैं. इस लिस्ट में कुल 7 नाम है . 


1. मेहुल चोकसी
मेहुल चोकसी 13,500 करोड़ के पीएनबी ऋण घोटाले का मुख्य आरोपी है. साल 2018 में मेहुल चोकसी के खिलाफ सीबीआई में मामला दर्ज किया गया था. मामला दर्ज होते ही मेहुल चोकसी विदेश भाग गया था. विदेश भागने के ठीक एक महीने पहले ही मेहुल चोकसी ने कैरेबियन में एंटीगुआ और बारबुड़ा की नागरिकता ले ली थी. 


चोकसी को भारत बुलाने के सिलसिले में भारत सरकार की कोशिशें काफी नाटकीय मानी जाती रही हैं. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोधों के आधार पर इंटरपोल ने चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था. चोकसी को वापस लाने के लिए एक प्रत्यर्पण अनुरोध एंटीगुआ सरकार को भेजा गया था.


यह अनुरोध वहां की अदालत में काफी समय से लंबित था. एंटीगुआ की मीडिया के मुताबिक चोकसी का अपहरण हो गया था और 2021 में उसे एक नौका में डोमिनिका ले जाया गया था. 


इस खबर के बाद सीबीआई और विदेश मंत्रालय के अधिकारी एक निजी जेट से चोकसी को वापस भारत लाने डोमिनिका गए थे. लेकिन चोकसी के खिलाफ डोमिनिका में अवैध प्रवेश को लेकर प्रदर्शन को देखते हुए जेट का वापस भारत लौटना पड़ा. तब तक ये मामला डोमिनिका की अदालत में पहुंच गया था.


चोकसी की कानूनी टीम उसकी जमानत कराके उसे एंटिगुआ वापस ले गयी. उसी दौरान चोकसी की कानूनी टीम ने भारत सरकार पर अपने एजेंटो की मदद से उसे अगुआ करने का आरोप भी लगाया था. बाद में डोमिनिका की अदालत ने चोकसी पर लगे सारे आरोप हटा दिए . 


2. नीरव मोदी


नीरव मोदी मेहुल चोकसी का भतीजा है. वो पीएनबी मामले में चोकसी के एंटिगुआ भागने के समय ही लंदन भाग गया था. सीबीआई ने नीरव मोदी के खिलाफ 2018 में रेड नोटिस जारी किया था. रेड नोटिस जारी होने के बाद ब्रिटेन से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया. 


मोदी को मार्च 2019 में भारत के प्रत्यर्पण वारंट के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. मोदी के प्रत्यर्पण को देश की अदालत ने फरवरी 2021 और केन्द्र सरकार ने अप्रैल 2021 में मंजूरी दे दी थी. 


पिछले दिसंबर में नीरव मोदी यूके सुप्रीम कोर्ट में केस हार गया. हार के बाद यूके के गृह सचिव ने नीरव को 28 दिनों के भीतर भारत जाने का आदेश दिया था. 


यूके सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नीरव अभी तक भारत नहीं आया है. रिपोर्ट्स की मानें तो नीरव के प्रत्यर्पण का एक कानूनी मामला अदालत में रूका हुआ है . जिसकी वजह से वो अभी तक विदेश में है.


3. विजय माल्या


पूर्व शराब कारोबारी विजय माल्या का नाम भारत के भगोड़ों की लिस्ट में सबसे ऊपर है. ये सबसे हाई प्रोफाइल मामला भी माना जाता है. माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये के किंगफिशर एयरलाइंस ऋण मामले में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.  किंगफिशर एयरलाइंस के पतन के बाद माल्या लंदन भाग गया था.


इसके बाद सीबीआई ने न केवल उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया बल्कि ब्रिटेन को प्रत्यर्पण अनुरोध भी भेजा. अक्टूबर 2017 में प्रत्यर्पण अनुरोध पर यूके के पुलिस अधिकारियों ने माल्या को गिरफ्तार कर लिया. प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की अंतिम अपील को यूके की सुप्रीम कोर्ट ने मई 2020 में खारिज कर दिया , 


प्रत्यर्पण अपील खारीज होने के बाद यूके के गृह सचिव की सहमति के बाद माल्या को वापस भारत में प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए था. हालांकि यूके की अदालत ने कुछ गुप्त कार्यवाही की वजह से माल्या को अभी तक भारत में प्रत्यर्पित नहीं किया है. रिपोर्ट्स ये भी दावा करती हैं कि माल्या यूके में शरण लेने की कोशिश कर रहा है. 


4. चेतन संदेसरा  और उसका परिवार


चेतन की पत्नी दीप्ति और उनके रिश्तेदार हंसमुख पटेल सहित वड़ोदरा के संदेसरा परिवार , 20,000 करोड़ रुपये के स्टर्लिंग बायोटेक ऋण धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं. सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर सभी के खिलाफ 2017 में  इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया गया था. 


2017 में ही दोनों एजेंसियों की जांच शूरू करने से कुछ दिन पहले ये परिवार भारत छोड़कर दुबई के रास्ते नाइजीरिया भाग गया था. संदेसरा परिवार ने उसी समय से नाइजीरिया और अल्बानिया दोनों देशों की नागरिकता ले रखी है.


इस परिवार ने भारत के बैंक से बड़े पैमाने पर निकाले गए पैसों से इन देशों में निवेश किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ये परिवार नाइजीरिया में एक तेल का बिजनेस चला रहा है और अल्बानिया में रियल एस्टेट का बिजनेस चला रहा है. 


भारत ने दोनों देशों को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा है. हालांकि नाइजीरिया और अल्बानिया दोनों ने इंटरपोल रेड नोटिस को मानने से इंकार कर दिया है. दोनों देशों ने संदेसरा परिवार के प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोध पर अभी तक कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया है. 


नाइजीरिया के अटार्नी जनरल ने मामले को राजनीतिक मुद्दा करार दे दिया है. वहीं अल्बानिया इस मुद्दे पर अपने कदम आगे बढ़ाने के बजाय पीछे खींच रहा है.  


5. ललित मोदी


साल 1985 में ललित मोदी को यूनिवर्सिटी में ड्रग्स बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.  इसके बाद में उसे घातक हथियार से हमला करने के आरोप में भी हिरासत में लिया गया था.  साल 1992 तक मोदी भारत की सबसे बड़ी तंबाकू कंपनियों में से एक, गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के कार्यकारी निदेशक रहे हैं.  


ललित मोदी पर 125 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. ये मामला साल 2008 का है. उस समय ललित मोदी आईपीएल के कमिश्नर थे. साल 2008 में वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप को आईपीएल के मीडिया राइट्स सौंपे गए थे. बाद में मल्टी स्क्रीन मीडिया (जो अब सोनी पिकचर्स है) और वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप (WSG) के बीच एक डील हुई.


 
इस डील के मुताबिक अगर MSM 425 करोड़ रुपये देता है. तो वे अपना मीडिया राइट कैंसिल कर देंगे.  इसके बाद मल्टी स्क्रीन मीडिया लिमिटेड ने कथित तौर पर 125 करोड़ रूपये का भुगतान करके राइट्स वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप के पास आ गए. 


उस समय बीसीसीआई सेक्रेटरी ने ये बताया था कि ललित मोदी ने ये डील अपने फायदे के लिए किया . इसमें बीसीसीआई का कोई रोल नहीं है. ललित को इस मामले में 125 करोड़ का फायदा होने की बात कही गई थी. 


साल 2010 में ललित मोदी टीवी राइड्स डील के मामले में आयकर और ईडी के अधिकारियों की सिर्फ एक पूछताछ के बाद यूके भाग गया था.  टीवी राइड्स मामले में ललित मोदी पर सबसे पहले चेन्नई पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी.  


इसके आधार पर ईडी ने साल 2012 में ललित मोदी पर मनी लान्ड्रिग की जांच शुरू की. ईडी ने मोदी के खिलाफ रेड नोटिस जारी करके इंटरपोल से कई बार ललित मोदी के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया. लेकिन कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी. 


मार्च 2017 में इंटरपोल ने न केवल ईडी की रेड नोटिस को नामंजूर कर दिया बल्कि आदेश जारी करके ललित मोदी के सभी डेटा को भी हटा दिया .  इसकी वजह से न तो चेन्नई पुलिस और न ही ईडी ललित मोदी पर चार्जशीट दाखिल कर पाई. 


बीसीसीआई का ऑफिस मुंबई में ही स्थित है  इसलिए साल 2017 में तमिलनाडु पुलिस ने मुंबई पुलिस को इस मामले को संभालने के लिए पत्र लिखा. उसके बाद ललित मोदी पर लगे अपराध की जांच आगे ही नहीं बढ़ी और मामला वहीं पर रुका हुआ है.


6. संजय भंडारी 


दिल्ली पुलिस , आयकर विभाग, सीबीआई और ईडी सहित कई एजेसियां भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी पर कई मामलों की जांच कर रहा है. भंडारी 2016 में पहली बार ईडी के निशाने पर आए थे. उस दौरान आईटी विभाग ने विदेश में  गुप्त संपत्तियों की सूचना पर संजय भंडारी के आवास पर छापा मारा था.  


सीबीआई ने 2016 में भारतीय वायु सेना और स्विम फर्म पिलाटस एयरक्राफ्ट के बीच हुए एक सौदे में भंडारी के हस्ताक्षर की जांच की थी. जिसमें भंडारी ने दलाली के तौर पर पैसे लिए थे. मामले पर जब तक एफआईआर हुई तब तक भंडारी देश छोड़ कर लंदन भाग चुका था. 


2019 में भंडारी के प्रत्यर्पण के लिए लंदन में अनुरोध भेजा गया. जून 2020 में लंदन की संबंधित अदालत को भंडारी के प्रत्यर्पण का माला सौंपा गया.  इसके बाद भंडारी को गिरफ्तार कर लिया गया. 


गिरफ्तारी के बाद लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को मंजूरी दे दी. मई 2022 में ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला संजय भंडारी के प्रत्यर्पण को  अंतिम मंजूरी दे दी गई. 17 जनवरी 2022 को भंडारी को भारत भेज दिया गया. 


7. जाकिर नायक


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जाकिर के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए)  के कड़े प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है. साल 2016 में जाकिर पर लगे आरोपों के बाद आईआरएफ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया. बता दें कि नाइक के भाषणों से प्रेरित होकर ढाका कैफे हमले में  22 लोग मारे गए थे.


नाइक इस समय भारत से भागा हुआ है. नाइक ने 2017 में मलेशिया में शरण लेने के लिए नागरिकता हासिल करने का आवेदन किया, और वहां की नागरिकता ले ली. अब भारत नाइक को मलेशिया प्रत्यर्पण का प्रयास कर रहा है, वहीं इंटरपोल ने तीन बार नाइक के खिलाफ रेड नोटिस भी जारी किया.