मथुराः एक स्थानीय अदालत ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और तीन अन्य लोगों को शांति भंग करने के आरोप से मंगलवार को मुक्त कर दिया क्योंकि पुलिस इस मामले की जांच तय छह महीने में पूरा नहीं कर पाई. बचाव पक्ष के वकील ने इसकी जानकारी दी.


चरमपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ संबंध होने के संदेह में कप्पन और उनके कथित सहयोगियों को पांच अक्टूबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था. ये लोग हाथरस में एक युवती के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या के के बाद उसके गांव जा रहे थे. हाथरस में पिछले साल 14 सितंबर को एक दलित युवती की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी.


कोर्ट ने मंगलवार को किया आरोप मुक्त
बचाव पक्ष के वकील मधुबन दत्त चतुर्वेदी ने बताया कि उप संभागीय मजिस्ट्रेट राम दत्त राम ने मंगलवार को आरोपियों अतिकुर्रहमान, आलल, पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और मसूद को आरोप मुक्त कर दिया.


दंगा भड़काने की साजिश का भी आरोप
बता दें कि हाथरस में बहुचर्चित रेप कांड के बाद काफी काफी बवाल और अफरा-तफरी मची थी. इसी अफरा-तफरी के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने मथुरा से पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन सीएफआई के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. जिनमें एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन भी शामिल था. इन लोगों पर आरोप लगाया गया था कि यह लोग पीएफआई के आलाकमान के इशारे पर हाथरस में दंगा फैलाने की नीयत से जा रहे थे.  इनको देशद्रोह एवं दंगा भड़काने का प्रयास करने तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था.


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