Jagan Mohan Reddy On Adani Group: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अपने कार्यकाल के दौरान सौर ऊर्जा सौदे में रिश्वत लेने के आरोपों को "अफवाह" बताकर खारिज कर दिया है. जगन मोहन रेड्डी ने कहा है कि यह सौदा दो सरकारी एजेंसियों के बीच था. इसमें अडानी समूह सहित कोई निजी पक्ष शामिल नहीं था.
दरअसल, NDTV को दिए एक इंटरव्यू में, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख ने कहा कि 2019 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से उन्होंने कई शीर्ष व्यावसायिक अधिकारियों से मुलाकात की है और गौतम अडानी उनमें से एक थे. मेरा नाम कहीं भी नहीं है, जो भी रिपोर्ट सामने आई हैं, वे सब अफवाह हैं.
आरोपों पर जगन का स्पष्टीकरणजगन रेड्डी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा "यह सब सिर्फ अफवाहें हैं. इसमें मेरा नाम कहीं भी नहीं है. जो भी रिपोर्ट सामने आई हैं, वे तथ्यों से परे हैं." उन्होंने आगे कहा "2019 से, जब से मैं मुख्यमंत्री बना हूं, मैंने कई व्यावसायिक अधिकारियों से मुलाकात की है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. यह मेरी जिम्मेदारी है कि व्यापारिक मुद्दों को सुना जाए और राज्य में निवेश को बढ़ावा दिया जाए."
अडानी से मुलाकात पर क्या कहा?जगन ने सौर ऊर्जा सौदे के लिए गौतम अडानी से अपनी मुलाकात को सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा कि उनकी बैठक अगस्त 2019 में हुई थी और उसके बाद यह बिजली बिक्री समझौता हुआ. उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा "केवल अगस्त में हमारी बैठक तक खुद को सीमित क्यों करें? ऐसा पहली बार नहीं है, राज्य का प्रमुख होना एक जिम्मेदारी है, जिसमें व्यापारियों से मिलना शामिल है."जगन ने यह दावा भी किया कि यह समझौता पूरी तरह से सरकारी इकाइयों के बीच हुआ और इसमें किसी भी निजी हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं थी".उन्होंने कहा कि यह एक सरकारी प्रक्रिया थी और मैं इस प्रक्रिया में सीधे तौर पर शामिल नहीं था.