नई दिल्ली: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए सघन सहयोग की जरूरत है. साथ ही भारत को तभी चीजें स्पष्ट हो गयी थीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संकट से निपटने के लिए क्षेत्रीय एवं अंतराष्ट्रीय सहयोग के वास्ते पहले की थी.


यहां रायसीना डॉयलॉग में ‘ प्लुरिलेटरलिज्म इंक: द फ्यूचर ऑफ ग्लोबल गवर्नेंस’ नामक सत्र में श्रृंगला ने कहा कि कोविड-19 संकट के वैश्विक एवं क्षेत्रीय आयाम है क्योंकि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि इससे निपटना किसी एक देश के वश में नहीं है.


हमें चीजें पहले ही स्पष्ट रूप से नजर आ गयीं- हर्षवर्धन श्रृंगला


विदेश सचिव ने कहा, ‘‘इसके लिए सघन सहयोग एवं समन्वय की जरूरत है. हमारे मामले में, हमें चीजें पहले ही स्पष्ट रूप से नजर आ गयीं. यह प्रधानमंत्री मोदी ही थे जिन्होंने मार्च के प्रारंभ में लॉकडाउन पर विचार किये जाने से पहले ही दक्षेस नेताओं की बेठक बुलायी और कहा,‘‘ हम देखते हैं कि कैसे इस संकट से निपटने में क्षेत्रीय स्तर पर आपसी सहयोग कर सकते हैं.’’


उन्होंने कहा कि यह पहली बार था कि कुछ ही समय के भीतर दक्षेस की बैठक हुई और कुछ ‘अच्छे परिणाम’ आये क्योंकि नेताओं ने कोविड आपात मोचन कोष गठित करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड संकट पर जी 20 सम्मेलन का प्रस्ताव रखने की पहल की जिस पर समूह का अध्यक्ष सऊदी अरब राजी हो गया.


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