Lalu Yadav Convicted: चारा घोटाला मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रांची की सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया है. यह मामला डोरंडा ट्रेजरी से 139 करोड़ रुपये की निकासी से जुड़ा है, जिसमें लालू यादव को दोषी ठहराया गया है. उनकी सजा का ऐलान 21 फरवरी को होगा. इस मामले में कोर्ट ने 24 लोगों को बरी कर दिया है. चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला साल 1990 से 1995 के बीच का है. 


अब तक लालू यादव को 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला से जुड़े 5 में से 4 मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है. यह मामला साल 1996 में उस वक्त सामने आया था जब कुछ सरकारी अधिकारियों ने फर्जी खर्चे की रिपोर्ट्स जमा की थीं. डोरंडा कोषागार से से करोड़ों रुपये निकाले गए और बिना वेरिफिकेशन के फर्जी खर्च की रिपोर्ट दिखाई गई.


यह घोटाला सामने आने के बाद लालू प्रसाद यादव को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. 1970 के दशक के मध्य में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपना पहला कार्यकाल पूरा करने वाले जगन्नाथ मिश्रा पर भी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.


लालू यादव की सजा का ऐलान 21 फरवरी को होगा. सीबीआई की विशेष अदालत ने डोरंडा मामले में सबूतों के आधार पर सनाउल हक, अनिल कुमार, राजेन्द्र पांडे, साकेत लाल, दीनानाथ सहाय, राम सेवक साहू और ऐनुक हक को बरी कर दिया है. 


जब साल 1996 में यह मामला दर्ज किया गया, जब 170 लोगों को आरोपी बनाया गया था. अब तक इनमें से 55 की मौत हो चुकी है. जबकि 7 आरोपी सरकारी गवाह बन गए. कोर्ट का फैसला आने से पहले ही दो लोगों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था. 6 लोग आज तक पकड़े नहीं गए हैं.



चारा घोटाले के जुड़े चार मामलों में लालू यादव को कुल मिलाकर साढ़े 27 साल की सजा हुई, जबकि एक करोड़ रुपये का फाइन भी उन्हें देना पड़ा. इस मामले में सजा होने के कारण आरजेडी प्रमुख को आधा दर्जन से भी ज्यादा बार हवालात में रहना पड़ा.


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