कोलकाता: बंगाल में इन दिनों बाढ़ से स्थिति बेहाल है, दक्षिण बंगाल के जिलों में लोग पानी के लिए चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. अगर बारिश का पानी भारी परेशानी का कारण बन रहा है तो नदी का पानी ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है. अभी जीने के लिए अगर किसी चीज की जरूरत है तो वह है पानी से जितना हो सके दूरी बना लेना जो अभी असंभव लगता है. पश्चिम बंगाल में बाढ़ के हालात ऐसे हैं कि घरों और खेतों के अलावा अस्पताल भी पानी में डूब गए हैं. ऐसे में सही इलाज देना एक बड़ी चुनौती है. पूर्वी मिदनापुर के भगवानपुर ब्लॉक में 23 साल की अपालेपा बीबी की डिलीवरी डॉक्टर के क्वार्टर में करवानी पड़ी.


अपालेपा ने अपनी समस्या के बारे में बताते हुए कहा, ''जब हम घर से बाहर निकले तो बहुत सारा पानी जमा था. पानी की वजह से हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हमने एक व्हीलबारो की व्यवस्था की है और फिर मुझे उस पर अस्पताल लाया गया और बच्चे का जन्म सुबह 3:50 बजे हुआ. मैं यहाँ अपने पहले लड़के के साथ नए बच्चे के साथ बैठी हूं. मैं रात 12 बजे से दर्द से तड़प रही था. और मुझे तड़के 3 बजे यहाँ लाया गया. नर्सिंग होम तक पहुंचने का भी कोई रास्ता नहीं था. गर्दन तक पानी का स्तर था मैं और मेरे साथ सभी लोग बहुत परेशान थे कि चीजें कैसे होंगी."


वहीं बाढ़ बारिश की समस्या को लेकर प्रखंड चिकित्सा अधिकारी सतीश कुमार ने कहा, "अस्पताल में पानी भरा है और अस्पताल के ठीक बाहर डॉक्टरों का क्वार्टर है. हमने वहां पर इमरजेंसी डिलीवरी करने की व्यवस्था की है और हम वहां से सभी इमरजेंसी सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं. हम वहां एक ओटी चला रहे हैं और अब भी हमारे पास वहां 200 लोगों की ताकत है. हम सभी आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं जो हम कर सकते हैं. हमने एक डॉक्टर का क्वार्टर खाली कर दिया है और दूसरे पुराने डॉक्टर के क्वार्टर से इमरजेंसी सेवा शुरू कर दी है, जिसमें कोई नहीं रहता था.” डॉक्टरों ने अपने कमरों को छोटे ओटी और ओपीडी में बदलने की कोशिश की है, लेकिन एक समय पर चुनौती सांप के काटने की है और दूसरी तरफ मां और बच्चे को समय पर सुविधाएं देना और यह चुनौती बहुत बड़ी है. 


दक्षिण बंगाल के आठ जिलों में विनाशकारी बाढ़ से कम से कम 22 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. फिलहाल सेना की कुल आठ टुकड़ियां प्रभावित इलाकों में तैनात हैं. दामोदर तारकेश्वर और केलेघई नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी से बहुत भारी वर्षा के कारण बाढ़ आ गई. जानकारी के अनुसार, बाढ़ आंशिक रूप से राज्य में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) परियोजना से पानी के बड़े पैमाने पर बहिर्वाह के कारण हुई है, जिसमें 1.25 लाख क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड का जल प्रवाह देखा गया था. बारिश और पानी बढ़ने के साथ आम लोगों के लिए भी चुनौती बढ़ेगी.


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