Farooq Abdullah On China: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर (Tawang Sector) में भारत और चीन के सैनिकों की बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बरकरार है. इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के तीन बार मुख्यमंत्री रहे फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर से चीन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि 'यह 1962 का भारत नहीं है, हमने चूड़ियां नहीं पहनी हुई हैं. चीन को उसकी भाषा में जवाब दिया जाएगा.'

  


जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला इससे पहले हमेशा से भारत की चीन और पाकिस्तान से बातचीत की पैरवी करते रहे हैं. इस बार उन्होंने ड्रैगन को उसी की भाषा में जवाब दिए जाने का वकालत की है. गौरतलब है कि 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन और भारतीय सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें दोनों देशों की सेनाओं को कुछ मामूली चोटें आने की बात कही गई थी. झड़प के बाद, भारत और चीन के कमांडरों ने फ्लैग मीटिंग की और फिर दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे. 


पहले की थी चीन से बातचीत की पैरवी


पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने तवांग में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प पर कहा था कि चीन के साथ बातचीत होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने पड़ोसी पाकिस्तान के साथ संबंध बेहतर किए जाने की पैरवी की थी. उन्होंने कहा था कि जब तक हमारे संबंध पड़ोसियों से अच्छे नहीं होंगे तब तक हम भारत में कभी भी शांति नहीं देख पाएंगे. 


इस बार चीन को लेकर फारूक अब्दुल्ला के सुर बदल चुके हैं. उन्होंने चीन की हरकत पर निशाना साधते हुए उसे उसी की भाषा में जवाब देने को कहा है. साथ ही उन्होंने चीन को चेतावनी देते हुए कहा, "ये 1962 का भारत नहीं है, हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं." 


भारत-चीन LAC विवाद


दरअसल, भारत और चीन के बीच LAC पर कुल 23 जगहों को लेकर विवाद चल रहा है, जिनमें से 13 प्रमुख हैं. लद्दाख सेक्टर के 7 विवादित इलाकों में से 5 क्षेत्रों में चीन सामरिक लिहाज से कमजोर है. इसके अलावा 6 विवादित क्षेत्र पूर्वी सेक्टर में हैं. 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद चीनी सेना ऊंचाई वाली जगहों पर लौट गई थी. पिछले साल लद्दाख में 5 विवादित इलाकों में बफर जोन बनाया गया था. इससे LAC की स्थिति एलओसी जैसी हो गई क्योंकि यहां बफर जोन में गश्त नहीं किया जाता है. 


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