मुंबई: दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद अब राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आने लगी है. महाराष्ट्र सरकार में शामिल शिवसेना और एनसीपी दोनों की ओर से रिएक्शन आया है. दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन में हुई हिंसा को लेकर शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि जो भी हुआ वह आंदोलनकारियों को शोभा नहीं देता है. गणतंत्र दिवस के मौके पर इस तरह का हुड़दंग मचाना ठीक नहीं है. शिवसेना इस घटना की निंदा करती है. साथ ही केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि क्या मोदी सरकार किसानों के सब्र का बांध टूटने का इंतजार कर रही थी?


आज की घटना इंटेलिजेंस फेलियर- संजय राउत


संजय राउत ने कहा कि आज की घटना इंटेलिजेंस फेलियर है. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद जिस वक्त गिराई गई थी उस वक्त भी आंदोलन करने वाले बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने पुलिस को इस बात के लिए आश्वस्त किया था कि वह इस सीमा को पार कर आगे नहीं जाएंगे. लेकिन उस वक्त भी इसका पालन नहीं किया गया. आज किसानों को दिल्ली पुलिस ने जो रूट तय कर दिया था उसका पालन किसानों ने नहीं किया.


शरद पवार ने भी सरकार पर साधा निशाना


एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी घटना की निंदा करते हुए मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है. पवार ने सवाल पूछा है क पिछले कई महीनों से जो लोग संयम से आंदोलन कर रहे थे वह आज उग्र क्यों हो गए? केंद्र सरकार ने भी बड़प्पन दिखाने की जरूरत है. किसान जो पिछले कई महीनों से मांग कर रहे हैं, उन्हें समझकर उन पर उचित निर्णय लेने की जरूरत है. उन्होंने केंद्र सरकार के उस बयान को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया जिसमें सरकार की ओर से किसानों के आंदोलन में खालिस्तानियों के होने की बात कही गई थी.


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