Farmers Protest Highlights: हम कर रहे आगाह पर बात कहां कर रहा केंद्र, ये उद्योगपतियों की सरकार- टिकैत का आरोप
Farmers Tractor March Highlights: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार (26 फरवरी, 2024) को विभिन्न मांगों को लेकर हाइवे पर ट्रैक्टर मार्च निकाला. यह मार्च शाम 4 बजे तक देखने को मिला.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का दावा है कि किसान आंदोलन 2.0 के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बैकफुट पर जा रही है. दुनिया भर में उन लोगों के आंदोलन की चर्चा की जा रही है. पूरे यूरोप में आंदोलन चल रहा है. सरकार फिलहाल दबाव में है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत विभिन्न मांगों को लेकर हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान ने आगे की रणनीति बनाने के लिए 29 फरवरी तक दिल्ली चलो मार्च स्थगित कर रखा है. हालांकि, इस दौरान आंदोलन सुस्त नहीं पड़ा है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 23 फरवरी, 2024 को बताया था कि वह 29 फरवरी से पहले कई बैठक कर आगे की रणनीति तय करेगा. एसकेएम की ओर से इसी कड़ी में पूरा शेड्यूल जारी किया गया था.
किसानों ने सोमवार (26 फरवरी) को यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत, हापुड़ और अमरोहा सहित कई जिलों में ट्रैक्टर मार्च निकाला. इस दौरान कई जगह ट्मेरैफिक बाधित रहा. मेरठ में मोहिउद्दीनपुर में एनएच-58 को किसानों और भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के कार्यकर्ताओं ने जाम कर दिया. बीकेयू के राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च का उद्देश्य नरेंद्र मोदी सरकार को किसानों की शिकायतों को दूर करने के लिए मजबूर करना है.
गौतमबुद्ध नगर में यमुना एक्सप्रेसवे के पास किसानों ने शुरू किया ट्रैक्टर मार्च. धीरे-धीरे जुट रही है किसानों की संख्या. बीकेयू ने कर रखा है ट्रैक्टर मार्च का आह्वान.
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि हम संयुक्त मोर्चा की बैठक के लिए चंडीगढ़ गए थे. हमने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई है. इसका गठन उन सभी किसान संगठनों से बातचीत करने के लिए किया गया है जो संयुक्त मोर्चा से अलग हैं. अगर कोई भी संगठन संयुक्त मोर्चा में शामिल होना चाहता है तो वह समिति से बातचीत कर सकता है. जल्द ही आंदोलन को लेकर कोई बड़ा फैसला होगा.
ट्रैक्टर मार्च से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने किसानों पर किए जा रहे शक्ति प्रदर्शन की भी आलोचना की. राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार की पॉलिसी है कि इस आंदोलन को चुनाव तक आगे ले जाओ, ताकि चुनाव के बहाने इसे दबा दिया जाए. पंजाब सरकार को किसान और भारत सरकार दोनों से डर है. किसान की हालत खराब है. किसान की जमीन को लूटा जा रहा है,
एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा है कि मौजूदा किसानों का विरोध शुरू हुए दो सप्ताह से अधिक का समय हो गया है. सरकार ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने और अपनी मांगें रखने से रोक दिया है. उन्होंने 2020-21 में भी विरोध प्रदर्शन किया था और कई लोगों की जान चली गई थी. सरकार को किसानों की मांग पर ध्यान देना चाहिए.
सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक किसान दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. ट्रैक्टर मार्च के लिए उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 8, मेरठ में 4 और गाजियाबाद में भी 4 पॉइंट बनाए गए हैं.
हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने 29 फरवरी तक के लिए दिल्ली कूच रोक दिया है. वहीं आज संयुक्त किसान मोर्चा के कई दल ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. ट्रैक्टर मार्च के सहारे किसान संगठन अपनी ताकत दिखाएंगे.
शंभू बॉर्डर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि आंदोलन के चलते सरकार बैकफुट पर जा रही है. दुनिया में इस आंदोलन की चर्चा हो रही है. पूरे यूरोप में आंदोलन चल रहा है. दुनिया भर में लोगों को बात रखने का अधिकार दिया जाता है. आज दोपहर 3 बजे हम लोग डब्ल्यूटीओ का पुतला जलाएंगे. भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए. कई किसान यूनियन का हमें समर्थन मिल रहा है. कई किसान संगठन हमारे साथ आने वाले हैं. 27 और 28 को किसान का सम्मेलन होगा तो इसमें कई संगठन शामिल होंगे.
बैकग्राउंड
Farmers Protest Highlights: किसान आंदोलन 2.9 के बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने दावा किया कि अन्नदाता सरकार को आगाह कर रहे हैं लेकिन सरकार बात कहां कर रही है? यह तो उद्योगपतियों की सरकार है. सोमवार (26 फरवरी, 2024) को पत्रकारों से बात करते हुए वह बोले, "ट्रैक्टर तो हम लोग हाईवे पर खड़े करेंगे. ट्रैफिक डायवर्ट होता रहेगा. जहां जरूरत पड़ेगी वहां ट्रैफिक चला जाएगा. कोई ट्रैफिक नहीं रुकेगा."
राकेश टिकैत ने आगे बताया, "सरकार बात मान ले. अगर ये ट्रैक्टर हाईवे पर आ गए तब टेंट बिगाड़ सकते हैं." हालांकि, उन्होंने यह साफ किया कि उनका दिल्ली का कोई प्रोग्राम नहीं है. बीकेयू नेता ने आगे कहा- हम सरकार को आगाह कर रहे हैं लेकिन सरकार बात कहां कर रही है. सरकार है कहां? यह तो उद्योगपतियों की सरकार है. यह कहां बात करेगी?
नीचे, कार्ड सेक्शन में जानिए किसान आंदोलन से जुड़े पल-पल के ताजा अपडेट्सः
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -