नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले 18 दिनों से जारी है. सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हुई है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. सरकार भी किसानों की समस्याओं को दूर करने में लगी हुई है. इस बीच बीजेपी के सीनियर नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम शांता कुमार ने दावा किया कि कुछ बिचौलिए और राजनेता इस आंदोलन को चला रहे हैं.

शांता कुमार ने कहा, “कुछ बिचौलिए, कमीशन एजेंट और राजनीतिक नेता इस आंदोलन को चला रहे हैं. निहित स्वार्थ वाले लोग देश में इस तरह के आंदोलन शुरू करते हैं. कृषि कानून किसानों के पक्ष में है.”

बता दें कि नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रमुख कल भूख हड़ताल करेंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी किसान आंदोलन के समर्थन में एक दिन का उपवास रखेंगे.

उधर बीजेपी नेता और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने आंदोलनरत किसानों से अपील की कि वे वामपंथियों के जाल में न फसें. उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों से कम्युनिस्टों के जाल में न आने की अपील करता हूं. माओवादी आपके बीच पहले ही प्रवेश कर चुके हैं और वे किसानों को पार्टी कैडर में बदलने की कोशिश करेंगे जैसे उन्होंने मेरे राज्य में करने की कोशिश की.”

इसके साथ ही उन्होंने कहा, “2018 में पीएम नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा के किसानों को स्वतंत्र बनाया. आज यहां के किसान आय दोगुनी करने और आत्म निर्भर बनने की ओर बढ़ रहे हैं. मैं दिल्ली में प्रदर्शनकारियों से अपील करता हूं कि वे त्रिपुरा का दौरा करें और कम्युनिस्टों का असली चेहरा जानने के लिए हमारे किसानों से बात करें.”

जो किसानों को 'आतंकी' कहते हैं वे इंसान कहलाने के लायक नहीं- उद्धव ठाकरे