चंडीगढ़ः केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘दिल्ली मार्च’ के पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज कहा कि पंजाब के साथ लगने वाली राज्य की सीमाएं 26 और 27 नवंबर को बंद रहेंगी. खट्टर ने कहा कि कुछ किसान नेताओं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है. वहीं कांग्रेस ने इस कदम को ‘शर्मनाक’ बताया है.

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के राष्ट्रीय कार्य समूह ने “हरियाणा में बीजेपी सरकार की तरफ से किए गए दमन” की निंदा की. समिति ने दावा किया कि आज सुबह से 31 किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया है. इस बीच, हरियाणा पुलिस ने जनता के लिए परामर्श जारी कर उनसे अपने यात्रा कार्यक्रमों में बदलाव करने की अपील की है.

यह पूछे जाने पर कि लोगों को 26 और 27 नवंबर को पंजाब के साथ लगती सीमाओं पर यात्रा से बचने की सलाह दी जा रही है, खट्टर ने जवाब दिया, "पंजाब के साथ लगने वाली सीमाएं दो दिनों के लिए सील रहेगी.’’ उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस सख्त कदम उठाएगी.

खट्टर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम जनता से अपील करते हैं कि 25 और 26 नवंबर को उन्हें हरियाणा और पंजाब की सीमाओं पर आने से बचे. 26 और 27 नवंबर को उन्हें हरियाणा-दिल्ली सीमा पर जाने से भी बचना होगा. कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम हर जरूरी कदम उठाएंगे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसानों से अपील करता हूं कि कुछ संगठनों की ओर से किए गए ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान का कोई मतलब नहीं है क्योंकि केंद्र की तरफ से बनाए गए तीनों कानून किसानों के हित में हैं. हम मंडियों की संख्या और बढ़ाएंगे और ‘एमएसपी’ पहले की तरह जारी रहेगा.’’

किसान नेता सर छोटू राम का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि यह "शर्मनाक" है कि राज्य सरकार ने किसानों को उनकी जयंती पर एहतियाती तौर पर हिरासत में ले लिया. सुरजेवाला ने कहा कि पुलिस ने किसान नेताओं करण सिंह मथाना, सत्यवान कथुरा, मनदीप रतिया, सत्यवान नरवाल और प्रहलाद सिंह को हिरासत में ले लिया है, जबकि हरियाणा बीकेयू प्रमुख गुरनाम सिंह के घर पर छापेमारी की जा रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘क्या किसान अपराधी हैं? क्या किसानों ने कोई अपराध किया है? क्या अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना कोई अपराध है? कांग्रेस की मांग है कि किसानों को दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

हुड्डा ने कहा कि वह किसान नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा, “किसानों की वैध मांगों को नहीं दबाया जा सकता. नेताओं को रात में उनके घरों से गिरफ्तार करने को उचित नहीं ठहराया जा सकता है. सरकार को गिरफ्तार नेताओं को जल्द से जल्द रिहा करना चाहिए.’’

किसानों के सबसे बड़े निकायों में से एक एआईकेएससीसी ने एक बयान में कहा, "इस तरह के दमन किसानों के संघर्ष को मजबूत बनाएंगे क्योंकि यह उनके लिए जीवन और मृत्यु का सवाल है." हरियाणा बीकेयू प्रमुख गुरनाम सिंह ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की. इस बीच पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पंजाब के साथ सीमाओं पर सख्ती बुधवार से तीन दिनों तक रहेगी.

इसे भी पढ़ेंः सावधान: राजधानी दिल्ली में कहर बन कर टूट रहा कोरोना, शवों के लिए कब्रगाह में नहीं बची जगह

खराब तबीयत की वजह से पीएम की बैठक में शामिल नहीं हुए कैप्टन, कल सिद्धू को लंच पर बुलाया