Farmers Delhi March: एमएसपी को कानूनी अधिकार मिले और बिजली बिल का ड्राफ्ट वापस लेने समेत अपनी मांगों को मनवाने के लिए धरने पर बैठे किसानों ने दिल्ली कूच करने की तैयारी कर ली है. ये सभी किसान 26 नवंबर को आंदोलन के एक साल पूरा होने के मौके पर और सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली पहुचेंगे. आंदोलन में शामिल किसान तीनों कृषि कानून की वापसी के ऐलान के बाद भी अपनी जगह से हिलने को तैयार नहीं हैं. 26 नवंबर को आंदोलन के एक साल पूरे होने के मौके पर 25 नवंबर को पंजाब से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर आ सकते हैं. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच करें इसके लिए पंजाब के गांव-गांव में किसान संगठन मीटिंग कर रहे हैं.


दिल्ली कूच को लेकर किसान नेता दर्शन सिंह ने कहा कि 25 को हम खनोरी बॉर्डर पर इकट्ठा होंगे और 26 को जब हमारे संघर्ष को 1 साल हो जाएगा तो हम दिल्ली पहुंचेंगे. किसानों ने दिल्ली पहुंचने के लिए तगड़े इंतजाम कर रखे हैं. दिल्ली की ओर आने वाले किसानों की रैली में महिलाएं भी शामिल हैं. ये महिलाएं अपना फंड इकट्ठा कर रही हैं.


ये है किसानों की मांग


महिला आंदोलनकारी कर्मजीत कौर ने कहा कि इस बार भी हम 6 महीने का राशन इकट्ठा कर साथ लेकर जाएंगे और महिलाएं अपना फंड अलग से इकट्ठा कर रही है. उन्होंने कहा कि हमें प्रधानमंत्री के वादे पर कोई यकीन नहीं है जब तक वह कानून वापस नहीं करते.


बता दें कि किसान चाहते हैं कि MSP को कानूनी अधिकार मिले. इसके अलावा बिजली बिल का ड्राफ्ट वापस हो. किसानों का कहना है कि प्रदूषण के लिए किसानों को सजा न दी जाए वहीं आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए मुकदमे वापस लिए जाए. कीसानों की ओर से एक और अहम मांग रखी गई है कि लखीमपुर खीरी में जो कांड हुआ था उसके लिए अजय मिश्रा टेनी को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए साथ ही आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवार को मुआवजा मिले.


मांग से हटने को तैयार नहीं किसान


किसान अपनी इन मांगों पर एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. उधर, बीजेपी लगातार इस कोशिश में जुटी है कि किसान जल्द से जल्द अपना आंदोलन खत्म कर दें. इसके लिए पार्टी की ओर से तरह तरह के उपाय किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में आज बीजेपी के किसान मोर्चा ने बागपत में ट्रैक्टर रैली निकाली है. ये ट्रैक्टर रैली 12 बजे बागपत के जौहड़ी से शुरू होगी.


रैली का मकसद है किसानों तक कृषि कानून की वापसी के ऐलान को पहुंचाना और साथ ही ये भी बताना कि सरकार उनके हित में काम कर रही है और उनकी बेहतरी के लिए तमाम योजनाएं चला रही है.


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