फरीदाबाद में एक गाय की सर्जरी के दौरान उसके पेट से 71 किलो प्लास्टिक निकली, जिसे देख डॉक्टर भी ताज्जुब में पड़ गए. दरअसल  गाय को फरीदाबाद के एनआईटी-5 में कार ने टक्‍कर मारी थी. जिसके बाद उसे देवाश्रय पशु चिकित्‍सालय ले जाया गया था, जहां डॉक्‍टरों ने गौर किया कि गाय बार-बार अपने पेट में लात मार रही थी. तो डॉक्‍टरों को लगा कि उसके पेट में दर्द है. उसके बाद डॉक्टर्स ने उस गाय का एक्‍सरे और अल्‍ट्रासाउंड किया तो पता चला कि उसके पेट में तो सुई से लेकर कांच हर तरह का कचरा फसा हुआ है. इसके बाद डॉक्टर्सों ने सर्जरी से कचरा निकाला, लेकिन गाय की हालत अभी भी गंभीर है.

ऑपरेशन में लगे चार घंटे

गाय का ऑपरेशन करने वाले डॉ. अतुल मौर्य ने बताया कि गाय के पेट को साफ करने में चार घंटे लगे है. जिसमें ज्‍यादातर पॉलिथीन भरी हुई थी. इसके अलावा उसमें लोहे की सुइयां, कीलें आदि बहुत कुछ था. उन्होने आगे कहा कि गाय जैसे जानवरों का पेट बड़ा जटिल होता है. अगर उसमें कोई बाहरी चीज लंबे समय तक बनी रहे तो वह पेट में चिपक जाती है. जिसकी वजह से धीरे-धीरे वहां हवा जमा होने लगती है, इससे जानवर के पेट में दर्द होता है, जिसकी वजह से जानवर अपने पेट में लात मारने लगता है. हमने पहले भी ऐसी सर्जरी की थीं लेकिन किसी जानवर के पेट से 71 किलो प्‍लास्टिक निकलना चिंता की बात है.

कचरा प्रबंधन की नाकामी

गाय की इस हालत को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि फरीदाबाद के नगर निगम विभाग की कितनी बड़ी लारपवाही है. विभाग के अंदर कूड़ा इकट्ठा करने और छांटने की प्रणाली में कितनी कमियां है, ये घटना इस बात का सबूत है.

खाने की चीजें प्‍लास्टिक की थैली में न फेंकें

पशुओं के लिए काम करने वाले रवि दुबे पीपल फॉर एनिमल्‍स एनजीओ चलाते हैं. वह कहते हैं अधिकांश मालिक अपने पशुओं को दिनभर बाहर चरने के लिए छोड़ देते हैं. ये जानवर खाने की तलाश में कूड़ेदान के आसपास चले जाते हैं. इसके अलावा लोग भी खाने की चीजें प्‍लास्टिक की थैलियों में रखकर फेंक देते हैं, उन्‍हें भी ऐसा नहीं करना चाहिए.

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