कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कई मुश्किल चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. कोरोना मरीजों की तीमारदारी, अस्पतालों में बिस्तरों की कमी, ऑक्सीजन की उपलब्धता और दवाओं की सप्लाई जैसी परेशानियां लगातार लोगों को परेशान कर रही है. लेकिन इस सब परेशानियों के साथ एक और परेशानी है, फर्जी खबरों और फेक वीडियो क्लिपिंग्स की. स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर तक इस प्रकार के फेक वीडियोज की भरमार है. ये वीडियो क्लिपिंग्स न केवल लोगों के सामने गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं, बल्कि दुष्प्रचार के चलते लोगों में भय और घबराहट का महौल भी पैदा कर रही हैं.

चीनी सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ वीडियो

ऐसा ही एक वीडियो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोशल मीडिया में चर्चा का केन्द्र बना हुआ था. इस वीडियो में एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक वरिष्ठ नागरिक को कोरोना की वैक्सीन देती दिखाई दे रही है. आश्चर्य की बात ये है कि वैक्सीन का इंजेक्शन खाली दिखाई दे रहा है और नर्स केवल उस बुजुर्ग व्यक्ति  को इंजेक्शन चुभाकर बाहर निकाल लेती है. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर भारत का बताकर प्रचारित किया जा रहा है. हजारों लोग इस वीडियो को देख चुके हैं और सोशल मीडिया पर शेयर या फॉरवर्ड कर चुके हैं. ये वीडियो फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ-साथ चीनी सोशल मीडिया पर भी देखा जा रहा है. चीनी सोशल मीडिया पर ये वीडियो शेयर करने के साथ कैप्शन के रूप में लिखा गया है- “कोई आश्चर्य नहीं कि भारत में कोविड महामारी इतना गंभीर रूप ले चुकी है.” भारत का नहीं मैक्सिको का है वीडियो

हकीकत ये है कि इस वीडियो का भारत से कोई भी संबंध नहीं है. ये वीडियो मैक्सिको के एक वैक्सीनेशन सेंटर का है. जिस व्यक्ति को वैक्सीन लगाया जा रहा है उसके रिश्तेदार ने ये वीडियो बनाया है. इस वीडियो के जरिए लापरवाही सामने आने पर मैक्सिकन इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सिक्योरिटी ने इसे लेकर स्पष्टीकरण भी जारी किया था. ये घटना मैक्सिको में Instituto Politecnico Nacional नाम के स्थान पर हुई थी. वैक्सीन देने वाली महिला एक स्टूडेंट वालेंटियर थी जिसे तत्काल हटा दिया गया था.

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