Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि बीजेपी समर्थकों ने एक पुरानी मस्जिद पर पथराव किया है. 30 सेकेंड के इस वीडियो में लोगों को एक-दूसरे पर कुछ फेंकते हुए देखा जा सकता है. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया है कि ये घटना आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के कैरुपुल्ला गांव की है. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सांप्रदायिक दावे के साथ तेजी से ये वीडियो अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर शेयर हो रही है.


वहीं, जब समाचार एजेंसी पीटीआई ने वीडियो का फैक्ट चेक किया, तो ये फर्जी निकला. फैक्ट चेक में इस बात की पुष्टि हुई कि वीडियो कुरनूल जिले के कैरुपुल्ला गांव का ही है, लेकिन इसमें पथराव नहीं हो रहा है, बल्कि वीडियो में दिख रही भीड़ हिंदू नववर्ष के मौके पर उगादी नाम का त्योहार मना रही है. इस त्योहार में लोग गाय के गोबर से बने उपले एक-दूसरे पर फेंकते हैं. हालांकि, यूजर्स ने सोशल मीडिया पर मस्जिद पर पथराव का दावा कर इस वीडियो को शेयर किया. 


वीडियो को लेकर क्या दावा किया गया? 


फेसबुक यूजर उमेश सहनी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "AP: कुरनूल जिला के कैरुपुला गांव में भाजपा समर्थक एक पुरानी मस्जिद पर पत्थर फैंक रहे हैं. यह है मोदी का नया भारत? यदि अब भी आंखें न खोली तो ये आदमी भारत को पत्थरों और गुफाओं के युग में वापस ले जाएगा!" इस पोस्ट को 27 अप्रैल को शेयर किया गया. पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देख सकते हैं. 




ठीक ऐसे ही सोशल मडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शाहनूर अंसारी नाम के यूजर ने भी वीडियो को बिल्कुल यही दावा करते हुए शेयर किया. शाहनूर की पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां चेक किया जा सकता है. 




फैक्ट चेक में क्या जानकारी मिली? 


वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल लेंस के जरिए सर्च किया. इस दौरान डेली मेल वीडियो नाम के फेसबुक पेज पर इससे मिलता जुलता एक वीडियो मिला, जिसे 9 अप्रैल, 2019 को अपलोड किया गया था. वीडियो में बताया गया कि उगादी त्योहार के अगले दिन कुरुनूल में गांव के हजारों लोग एक-दूसरे पर गोबर फेंककर त्योहार मनाते हैं. वीडियो को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है. 




वहीं, रूस के सरकारी चैनल रशिया टुडे के फेसबुक पेज पर ऐसा ही एक वीडियो 8 अप्रैल, 2019 को शेयर किया गया था. इसमें भी लोग एक-दूसरे पर गोबर फेंकते हुए दिखे. इस वीडियो को यहां क्लिक कर देखें. अब तक मिली जानकारी के आधार पर जब संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया गया तो ईटीवी भारत की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में इस सैकड़ों साल पुरानी प्रथा का जिक्र था. 




पड़ताल के आखिर में कुरनूल जिले के कैरुपुल्ला गांव में किसी मस्जिद पर हाल में हुए पथराव से संबंधित मीडिया रिपोर्टों की भी तलाश की गई. हालांकि, इस संबंध में कोई भी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली. फैक्ट चेक में ये बात साफ हो गई कि वीडियो को लेकर किया गया दावा पूरी तरह से फर्जी था. वायरल वीडियो उगादी उत्सव से जुड़ा है.


फैक्ट चेक में क्या निष्कर्ष निकला है? 


सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दावा किया गया कि आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के कैरूपुल्ला गांव में बीजेपी समर्थकों ने एक मस्जिद पर पथराव किया. फैक्ट चेक में पता चलता है कि ये वीडियो फर्जी है. वायरल वीडियो आंध्र प्रदेश में हर साल मनाए जाने वाले उगादी त्योहार का है. इस त्योहार में लोग एक-दूसरे पर गाय के गोबर से बने उपले फेंकते हैं. सोशल मीडिया पर यूजर्स इस वीडियो को सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर कर रहे हैं.


डिस्क्लेमरः यह स्टोरी सबसे पहले पीटीआई न्यूज पर पब्लिश हुई थी. हेडलाइन, स्टोरी का छोटा अंश और शुरुआती पैराग्राफ के अलावा इस स्टोरी को एबीपी लाइव के स्टाफ ने एडिट नहीं किया है. इस स्टोरी को शक्ति कलेक्टिव पहल के तौर पर पब्लिश किया गया है.


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