पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक खबर तेजी से फैल रही है. इसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना के कारण जिन लोगों ने दम तोड़ा है, उनके परिवारों को केंद्र सरकार 4-4 लाख रुपये अनुदान देगी. इस संबंध में एक फॉर्म की फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर अपलोड किए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस फॉर्म को भरने के बाद जिला मुख्यायालय में इसे जमा करना होता है. इस फॉर्म के साथ एक सूचना भी है. इसमें लिखा है- कोविड-19 के कारण निधन हुए सामान्य व्यक्तियों का फार्म भरकर Dm कार्यालय में जमा कराएं. उन्हों राष्ट्रीय आपदा कोष से 4 लाख रुपये का अनुदान राज्य सरकार देगी. अपने आस-पास रिश्तेदारों व मित्रों को सूचित करें जिससे कि इस आपदा से पीड़ित परिवारों को कुछ मदद मिल सके. 


सच क्या है
इस तरह की कोई योजना केंद्र या राज्य सरकार की ओर से घोषित नहीं हुई है. हाल ही में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि ऐसी कोई योजना नहीं है. केंद्र सरकार ने कहा कि अगर ऐसा किया गया कि देश का आपदा कोष खाली हो जाएगा. हालांकि जब कोरोना से पिछले साल लोगों की मौत होनी शुरू हुई थी तो सरकार ने शुरू में कहा था कि कोविड-19 को आपदा के रूप में अधिसूचित कर दिया गया है और राज्य आपदा कोष की तरफ से कोरोना से हुई मौत पर अनुदान दिया जाएगा. इसके अलावा कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती लोगों को भी आर्थिक सहायता दी जाएगी. एक घंटे के अंदर ही सरकार ने इस नोटिफिकेशन को वापस ले लिया था. 



पीआईबी स्पष्ट कर चुका है
बाद में संशोधित नोटिफिकेशन में कहा गया कि आर्थिक लाभ क्वारंटाइन, सैंपल कलेक्शन और स्क्रीनिंग पर दिया जाएगा. अनुदान देने की सभी बातों को तुरंत ही डिलीट कर दिया गया. कुछ राज्य सरकारों ने ऐसा ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया. गोवा सरकार ने एक ट्वीट में कहा था कि राज्य आपदा कोष से कोरोना से हुई मौत पर किसी तरह के अनुदान का प्रावधान नहीं है. बाद में केंद्र सरकार के पीआईबी ने भी इसका खंडन किया.  पीआईबी ने अपने ट्वीट में कहा था कि कोरोना से हुई मौत पर चार लाख स्टेट आपदा कोष से देने का दावा किया जा रहा है. यह खबर फेक है. इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है. 


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