BJP National Executive: उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इससे पहले बीजेपी ने अपनी नई टीम का एलान करके सबको चौंका दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तरफ से गठित नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बीजेरी सासंद वरुण गांधी और उनकी मां और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को बाहर कर दिया गया है. जबकि नई टीम में केंद्रीय मंत्री और अमेठी से सासंद स्मृति ईरानी की वापसी हुई है. राष्ट्रीय कार्यसमिति में 80 सदस्यों की नियुक्ति की गई है.

बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यसमिति में 80 सदस्यों की नियुक्ति की है. इनके साथ ही विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर 50 और स्थायी आमंत्रित सदस्य (पदेन) के तौर पर 179 नेताओं को शामिल किया गया है, जिनमें पार्टी के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, विभिन्न विधान सभा और विधान परिषद में विधायक दल के नेता, पूर्व उप मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय मोर्चा अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेशों के संगठन महासचिव शामिल है.

नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कौन-कौनसे चेहरे-

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
  • वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी
  • वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी
  • पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
  • केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
  • केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
  • केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी
  • केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
  • केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
  • ममता बनर्जी को हराने वाले शुभेंदु अधिकारी
  • फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती
  • केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव
  • दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी
  • केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
  • केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी
  • सांसद मंत्री मीनाक्षी लेखी
  • सांसद मनोज तिवारी

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिपरिषद से बाहर किए गए हर्षवर्धन, रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर कार्यसमिति में अपनी जगह बचाने में सफल रहे.

वरुण गांधी और मेनका गांधी आउट

सबसे ज्यादा चौंकाने वाला तथ्य यह रहा कि इस नई कार्यकारिणी में पार्टी के दो बड़े नेताओं को इस बार शामिल नहीं किया गया. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुकी और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से लोकसभा सांसद मेनका गांधी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया है. उनके बेटे और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से लोकसभा सांसद वरुण गांधी को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया गया है. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति सहानुभूति दर्शाने वाले चौधरी वीरेंद्र सिंह को भी बाहर कर दिया गया है.

कार्यकारिणी से दोनों नेता क्यों हुए आउट?

बता दें कि पिछले कुछ समय से वरुण गांधी तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में लगातार आवाज उठाते रहे हैं. हाल में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की निंदा करते हुए उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. वरुण ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में भी लखीमपुर में किसानों की हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी. वरुण ने गुरुवार को सुबह ही एक वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था कि हत्या के जरिए प्रदर्शनकारियों को चुप नहीं कराया जा सकता और जवाबदेही तय होनी चाहिए. वरुण गांधी के इन तेवरों की वजह से बीजेपी की किरकिरी हो रही थी. ऐसे में पार्टी के इस फैसले को नाराजगी के तौर पर भी देखा जा रहा है.

और कौन-कौन हुए आउट?

  • केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह
  • प्रह्लाद पटेल
  • सुब्रमण्यम स्वामी
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु
  • राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र और सांसद दुष्यंत सिंह
  • विजय गोयल
  • विनय कटियार
  • और एसएस अहलूवालिया

कार्यकारिणी में यूपी का समीकरण

कार्यकारिणी में जिन 80 सदस्यों को कार्यसमिति में जगह दी गई है उनमें 12 उत्तर प्रदेश से हैं. बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उत्तर प्रदेश के छह ओबीसी, एक दलित और दो ब्राह्मण नेताओं को शामिल करके चुनावी समीकरण बनाने की कोशिश की है.

अभिनेता और बंगाल चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल होने वाले मिथुन चक्रवर्ती, पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी और राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता सहित पश्चिम बंगाल के छह नेताओं को कार्यसमिति में जगह दी गई हैं. इन सभी को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है.

30 फीसदी के लगभग नए नेताओं को मिली एंट्री

इस बार कार्यकारिणी में 30 फीसदी के लगभग नए नेताओं को शामिल किया गया है. पार्टी की इस नवगठित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 7 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली में होगी. इससे पहले 18 अक्टूबर को राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक बैठक भी बुलाई गई है, जिसमें सभी पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे. राष्ट्रीय कार्यसमिति विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करती है और संगठन के कामकाज की रूपरेखा तय करती है. कोरोना वायरस महामारी के चलते लंबे समय से राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक नहीं हुई है.

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