पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर चल रहा है. पार्टी के असंतुष्ट नेताओं का समूह जी-23 ने 24 घंटे के भीतर दूसरी बैठक बुलाई है. आज एक बार फिर कांग्रेस के जी-23 के नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक कर रहे हैं. इससे पहले बुधवार को भी गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक हुई थी, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला भी पहुंचे थे. हालांकि शंकर सिंह वाघेला जी-23 के सदस्य नहीं हैं. उन्होंने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की है और कहा कि जी-23 का कोई गांधी परिवार के खिलाफ नहीं है.


शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि जी-23 का कोई नेता सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी के खिलाफ नहीं है. वे सिस्टम के खिलाफ हैं. शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि लीडरशिप प्लांट करने की एक आर्ट होती है. लीडर के खाते में क्रेडिट देनी होती है.


उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली में पूरी जिम्मेदारी के साथ घूमती थीं. लोगों को उनमें इंदिरा गांधी की झलक दिखती है, लेकिन पूरे यूपी में उनको महासचिव बनाकर प्लांट करना गलत था. यूपी में उतारने की सलाह किसने दी थी पता नहीं. 



शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि हार-जीत लगी रहती है. किसी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए. राहुल गांधी पर शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि उनकी सही से मार्केटिंग नहीं हुई. राहुल युवा हैं. शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि बिना गांधी परिवार के कांग्रेस नहीं चल सकती है. कांग्रेस में ऐसी कोई हस्ती नहीं है जिन्हें कोई नेता लीडर मान ले.


देश के लिए जरूरी है कांग्रेस


शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि कांग्रेस देश के हित में जरूरी है. कांग्रेस छोटी हो, कम हो, वो बहुत बड़ी ब्रांड है. कांग्रेस की विचारधारा देश को टूटते हुए बचाएगा, इसलिए कांग्रेस देश के हर हिस्से में जरूरी है.


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