नई दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार देश में हर साल हजारों महिलायें पीछा करने की घटनाओं का शिकार बनती हैं. नई दिल्ली में सेना के एक अधिकारी की पत्नी की सेना के ही दूसरे अधिकारी द्वारा शनिवार को हत्या किए जाने के बाद महिलाओं के साथ बढ़ते अपराधों पर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गयी है.


राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक भारत में हर साल महिलाए पीछा करने वालों का शिकार बनती हैं. लगातार डर में जिंदगी जीने के कारण महिलाएं मानसिक प्रताड़ना और अपमान का शिकार होती हैं. कुछेक महिलाओं में पीछा करने वालों से होने वाले तेजाब हमले या रेप का भय बना रहता हैं.


दिल्ली स्थित एक अग्रणी संस्थान से जुडे़ वरिष्ठ मनोचिकित्सक निमेष देसाई ने कि जब व्यक्ति अपनी ‘ सीमाओं को पहचानने’ में अक्षम होता है तब वो हत्या जैसे अपराध को अंजाम दे देता हैं. देसाई ने बताया कि वो ‘इंकार’ को समझ नहीं पाता है. ऐसी स्थिति में वह घृणित अपराध को अंजाम दे देता है. वो जो कुछ चाहता है उसे मिल नहीं कर पाने की निराशा को समझने से असमर्थ होता है.


सेना के एक अधिकारी की पत्नी 35 साल की शैलजा द्विवेदी नई दिल्ली के छावनी इलाके के पास मृत पायी गई थीं. कुछ घंटे बाद पुलिस ने मेजर निखिल राय हांडा को गिरफ्तार किया जो शैलजा और उनके पति को 2015 से जानता था. पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने बताया कि हांडा ने शैलजा के मोबाइल फोन पर 3000 कॉल किए थे.


अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि पुरुष प्रधान समाज की मानसिकता रही है कि महिलाएं उनके किसी भी तरह के अनुरोध को इंकार नहीं कर सकती हैं.