नई दिल्ली: कानपुर में बदमाशों और पुलिस के बीच हुए एनकाउंटर में 1 DSP,1 इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसवाले शहीद हो गए हैं. जबकि 4 गंभीर रूप से घायल हैं. घायल पुलिसकर्मियों में से एक की हालत बेदह गंभीर बनी हुई है, उनके पेट में गोली लगी है. ये मुठभेड़ कानपुर के शिवराजपुर इलाके में रात 1 बजे हुई.


 कानपुर में एनकाउंटर वाली जगह से कुछ दूर एक और एनकाउंटर हुआ है जहां पुलिस ने तीन अपराधियों को मार गिराया है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये तीनों वही अपराधी हैं जो विकास दुबे के साथ थे. जबकि विकास अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.


एनकाउंटर में  शहीद हुए पुलिसकर्मी


एनकाउंटर में जो 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं उनमें सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा, एसओ महेश यादव, चौकी इंचार्ज अनूप कुमार, सब-इंस्पेक्टर नेबुलाल, कांस्टेबल सुल्तान सिंह, राहुल, जितेंद्र और बबलू शामिल हैं.


अधिकारियों ने बताया कि पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था. उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए.


सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश


जानकारी के मुताबिक पुलिस विकास दुबे नाम के अपराधी को पकड़ने गई थी. बदमाशों ने घर की छत से घात लगाकर पुलिस टीम पर हमला किया. अपराधी पुलिस के हथियार लूट कर भी ले गए. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सभी बॉर्डर को सील कर दिया गया है.





लखनऊ के आला अफसर कानपुर के लिए रवाना हो गए हैं. कहा जा रहा है कि जैसे ही पुलिस की टीम दबिश डालने गांव में पहुंची विकास दुबे नाम के अपराधी ने पहले जेसीबी से उनका रास्ता रोका और फिर अपने साथियों के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी.


डीजीपी ने कहा कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज़ किया गया था, पुलिस उसे पकड़ने गई थी. लेकिन उन्होंने वहां जेसीबी लगा दी थी जिससे हमारे वाहन बाधित हो गए.जब फोर्स नीचे उतरी तो अपराधियों ने गोलियां चलाई,जवाबी फायरिंग हुई लेकिन अपराधी ऊंचाई पर थे,इसलिए हमारे 8 कर्मी शहीद हुए. हमारे लगभग 7 आदमी घायल हो गए. ऑपरेशन अभी भी जारी है क्योंकि अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे. IG, ADG, ADG (लॉ एंड ऑर्डर) को ऑपरेशन की निगरानी के लिए वहां भेजा गया है. कानपुर से फॉरेंसिक टीम मौके पर है और लखनऊ से एक विशेषज्ञ टीम भी भेजी जा रही है.


विकास दुबे की लोकेशन पता लगाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस किया जा रहा है. पुलिस की टीमें लगातार जगह-जगह दबिश दे रही हैं.





यूपी के डीजीपी एच सी अवस्थी ने कहा कि बदमाशों को पुलिस के आने की भनक कैसे लगी इसकी जांच की जाएगी. राहुल तिवारी नाम के एक शख्स ने विकास दुबे पर हत्या का केस दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस की टीम विकास दुबे के गांव पहुंची थी. फिलहाल विकास दुबे की गिरफ्तारी की कोशिशें तेज कर दी गई है.


25000 के इनामी विकास दुबे पूर्व प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है. इसके खिलाफ 60 में से करीब 53 हत्या के प्रयास के मुकदमे चल रहे हैं. हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जघन्य आपराधिक इतिहास रहा है. बचपन से ही वह अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था. पहले उसने गैंग बनाया और लूट, डकैती, हत्याएं करने लगा. 19 साल पहले उसने थाने में घुसकर एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की हत्या की और इसके बाद उसने राजनीति में अपने पैर जमाने की कोशिश करने लगा.


कानपुर देहात से लेकर यूपी के इलाहाबाद, गोरखपुर तक विकास दुबे के आपरिधिक तार फैले हुए हैं. कोई कोरोबारी हो व्यापारी उनसे जबरन वसूली से जैसे कामों के लिए भी यह शख्स जाना जाता है.

बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विकास और उसके 8, 10 साथियों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. घर के अंदर और छतों से गोलियां चलाई गईं.