Employment In 2014 To 2024: केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि 2014 से 2024 के दशक में देश के भीतर 17.1 करोड़ नौकरियां सृजित हुईं, जिनमें से 4.6 करोड़ रोजगार अकेले पिछले साल ही सृजित हुए. मांडविया ने बजट पर आयोजित एक वेबिनार में कहा कि बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है. यह 2017-18 के छह प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत पर आ गई. इसी अवधि में महिला रोजगार 22 प्रतिशत से खासा बढ़कर 40.3 प्रतिशत हो गया.
श्रम मंत्री ने इन उपलब्धियों का श्रेय सरकार की प्रगतिशील नीतियों को देते हुए कहा कि इससे देश का कार्यबल मजबूत हुआ है. मांडविया ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2024-26 का हवाला देते हुए सरकार की सामाजिक सुरक्षा पहल के प्रभाव का जिक्र किया. इसमें कहा गया है कि भारत का सामाजिक सुरक्षा ‘कवरेज’ 24.4 प्रतिशत से दोगुना होकर 48.8 प्रतिशत हो गया है.
ई-श्रम पोर्टल 22 भाषाओं में उपलब्ध
उन्होंने कहा कि ई-श्रम पोर्टल का विस्तार, 30.67 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों को कवर करना और पीएमजेएवाई (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के तहत अस्थायी (गिग) श्रमिकों को शामिल करना, कार्यबल कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने ई-श्रम पोर्टल के तहत 12 प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं को भी एकीकृत किया है और यह पोर्टल 22 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है.
10 नए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज को मंजूरी
इसके अलावा श्रमिकों के परिवारों का समर्थन करने के लिए 10 नए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है जबकि 10 अन्य कॉलेज अभी विचाराधीन हैं. श्रम सचिव सुमिता डावरा ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आधुनिकीकरण में हुई प्रगति का जिक्र किया. इसमें साढ़े छह वर्षों में 6.2 करोड़ से अधिक नए सदस्यों का नामांकन और केंद्रीकृत पेंशन प्रसंस्करण प्रणाली, पीएफ दावों के स्वत: निपटान और मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे जैसे सुधार शामिल हैं.
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