Illegal Rat-Hole Coal Mines In Assam: असम सरकार ने बुधवार (05 मार्च,2025 ) को विधानसभा में जानकारी दी कि राज्य के मध्य भाग में कम से कम 263 अवैध ‘रैट-होल’ कोयला खदानें पाई गई हैं. यह खदानें दो स्वायत्त परिषदों के अधिकार क्षेत्र में स्थित हैं.

दरअसल, सरकार ने यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों में 25,630 टन से अधिक अवैध कोयला जब्त किया गया है. निगरानी के लिए डीजीपी के नेतृत्व में समिति गठित किया गया है.

किन जिलों में मिली अवैध खदानें?खनन एवं खनिज मंत्री कौशिक राय ने निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के सवाल के लिखित जवाब में देते हुए कहा, "248 अवैध 'रैट-होल' खदानें दीमा हसाओ जिले और उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद (NCHAC) में मिलीं. 15 अवैध 'रैट-होल' खदानें पूर्वी कार्बी आंगलोंग और पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिलों में मिलीं. डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और चराइदेव जिलों में भी कोयला खनन हो रहा है, लेकिन इन क्षेत्रों में 'रैट-होल' खनन की जानकारी साझा नहीं की गई." 

NGT ने 2014 में लगाया था प्रतिबंध, फिर भी जारी है अवैध खननराष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने 2014 में ‘रैट-होल’ खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, यह खतरनाक खनन तरीका अब भी पूर्वोत्तर भारत में जारी है. कांग्रेस विधायक जाकिर हुसैन सिकदर के सवाल पर मंत्री राय ने बताया कि असम में तिनसुकिया, दीमा हसाओ और कार्बी आंगलोंग जिलों में कुल सात कोयला क्षेत्र हैं.

सरकार ने उठाए सख्त कदमएआईयूडीएफ विधायक अशरफुल हुसैन के सवाल के जवाब में, मंत्री ने बताया कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों में 25,631.98 टन अवैध कोयला जब्त किया. कानूनी प्रक्रिया के तहत जब्त कोयले की नीलामी जारी है. अवैध खनन रोकने के लिए डीजीपी के नेतृत्व में एक निगरानी समिति बनाई गई है.

क्या है 'रैट-होल' खनन?'रैट-होल' खनन एक अवैध और खतरनाक प्रक्रिया है, जिसमें कोयला निकालने के लिए जमीन में संकरी, गहरी सुरंगें खोदी जाती हैं. यह सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करता है औरखनन में लगे मजदूरों के लिए बेहद जानलेवा साबित हो सकता है. असम सरकार ने कहा है कि वह अवैध कोयला खनन पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए और भी कड़े कदम उठाएगी. अब यह देखना होगा कि निगरानी समिति कितनी प्रभावी होती है और क्या अवैध कोयला खनन को पूरी तरह रोका जा सकेगा.

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