Forest Officers Saved Elephant Calf: जानवरों को हम बेजुबान कहते हैं लेकिन प्यार को जताने के लिए किसी भाषा की जरूरत नहीं पड़ती. ऐसा ही एक वाकया सामने आया है तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में. यहां एक हाथी ने बिना कुछ बोले वन विभाग के अधिकारियों के प्रति तब एहसान जताया, जब उसके बच्चे को पानी में डूबने से सुरक्षित बचाया गया.


आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू ने वन अधिकारियों की एक प्रेरक कहानी साझा की, जिन्होंने एक छोटे हाथी के बच्चे को बचाने और उसकी मां से मिलाने के लिए असाधारण समर्पण और साहस का प्रदर्शन किया. 24 फरवरी (शनिवार) को एक्स पर अपने पोस्ट में, आईएएस अधिकारी ने एक दिल छू लेने वाला क्षण भी साझा किया जब हाथी ने तमिलनाडु कोयंबटूर जिले के पोलाची से बचाव अभियान के बाद वन अधिकारियों को सूंड उठाकर "धन्यवाद" दिया.


नहर में गिर गया था हाथी का बच्चा
दरअसल हाथी का बच्चा गलती से फिसल कर नहर में गिर गया था और मां के प्रयासों के बावजूद, पानी के तेज़ बहाव के कारण उसका बाहर आना मुश्किल हो गया. खबर लगते ही हाथी के बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए वन विभाग के अधिकारी एफडी रामसुब्रमनियम, डीडी बी तेजा, पुगलेंथी एफआरओ, थिलाकर फॉरेस्टर, सरवनन फॉरेस्ट गार्ड, वेलिंगिरी फॉरेस्ट गार्ड, मुरली फॉरेस्ट वॉचर, रासु फॉरेस्ट वॉचर, बालू एपीडब्ल्यू, नागराज एपीडब्ल्यू, महेश एपीडब्ल्यू और चिन्नाथन फॉरेस्ट गार्ड के नेतृत्व में बचाव अभियान में जुट गए.


नदी की तेज धार और अन्य कठिनाइयों के बावजूद, वन अधिकारियों के असाधारण प्रयासों के कारण अंततः हाथी का बच्चा का अपनी मां के साथ फिर से मिल सका.


हाथी ने कुछ ऐसे जताया आभार
 साहू ने उस मार्मिक क्षण का एक वीडियो भी साझा किया जब हाथी की मां ने बच्चों को अपने पास पानी के बाद अपनी सूंड उठाकर बचाओ अभियान में शामिल लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया.


लोगों ने की खूब सराहना
जैसे ही पोस्ट ऑनलाइन सामने आई, इसे 31 हजार से ज्यादा बार देखा गया. वन्यजीव प्रेमियों ने कमेंट्स कर अपने विचार व्यक्त किए. एक यूजर ने लिखा, "यह हृदयस्पर्शी दृश्य वास्तव में हमें जानवरों और मनुष्यों के बीच गहरे बंधन की याद दिलाता है. युवा हाथी को बचाने और उसकी मां के साथ फिर से मिलाने में हमारे समर्पित वनवासियों के वीरतापूर्ण प्रयासों के लिए धन्यवाद. करुणा के ऐसे कार्य मानवता में हमारे विश्वास को बहाल करते हैं और वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्व पर जोर देते हैं. कोयंबटूर जिले के पोलाची में इस खूबसूरत भाव को देखकर आभारी हूं.''


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