EVM Tampering Video Fact Check: लोकसभा चुनाव के लिए चार चरणों की वोटिंग हो चुकी है. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि एक गाड़ी में ईवीएम पकड़ी गई. वीडियो में एक शख्स भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरोप लगाता सुनाई दे रहा है.


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर @Jagdishbhatti3 नाम के यूजर ने EVM जिंदाबाद कैप्शन के साथ इस वीडियो को शेयर किया है. इसमें एक शख्स बोल रहा है, "बीजेपी को सरेआम घोटाला देखिए. जनता के द्वारा पहाड़िया मंडी में ईवीएम की चोरी पकड़ी गई. यही बीजेपी सरकार है. यहां सीओ साहब भी हैं... दो गाड़ी ईवीएम पकड़ी गई है."



यहां देखें वायरल दावे वाला वीडियो.


साल 2022 का है वीडियो


बूम ने इस खबर की पड़ताल की जिसमें वायरल हो रहे दावों फेक साबित हुए. पड़ताल में सामने आया कि यह वीडियो साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का है. इस समय समाजवादी पार्टी ने वाराणसी में ईवीएम से छेडछाड़ करने का आरोप लगाया था. इस समय चुनाव आयोग की ओर से कहा गया था कि उस ईवीएम को काउंटिंग से पहले ट्रेनिंग के लिए ले जाया जा रहा था. वायरल हो रहे वीडियो में नजर कुछ लोग गाड़ी पर ईवीएम दिखाते हुए नजर आ रहे हैं. इस दौरान वहां मौजूद लोगों की भीड़ तेज आवाज में चिल्ला रही है.


यूपी विधानसभा चुनाव के समय का है वीडियो


फैक्ट चैक में पाया गया कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मतगणना से पहले का है. कीवर्ड के साथ गूगल सर्च करने पर एक निजी न्यूज चैनल पर यह वीडियो मिला 9 मार्च 2022 को अपलोड किया गया था, जिसमें बताया गया कि वाराणसी के पहाड़िया मंडी में ईवीएम मशीन बाहर भेजे जाने को लेकर सपा कर्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ईवीएम बदले जा रहे हैं. इस घटना का जिक्र सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया था.



इस घटना को लेकर डीएम ने दिया था बयान


इस घटना को लेकर वाराणसी के तत्कालीन डीएम कौशल राज ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा था, "मतगणना कर्मियों का दूसरा प्रशिक्षण 9 मार्च को यूपी कॉलेज में है। 20 ईवीएम को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए एक पिकअप वैन पर ले जाया जा रहा था। इसे कुछ लोगों ने रोक दिया था, उनके बीच भ्रम पैदा हो गया कि क्या ये पोलिंग ईवीएम हैं."


डीएम ने आगे कहा था, "वहां जुटी भीड़ को अधिकारियों ने समझाया. सभी पार्टियों के अध्यक्षों और प्रत्याशियों के बुलाकर स्पष्ट करने के लिए कह दिया गया है आप लोग देख लिजिए जो ईवीएम ले जाई जा रही थी वह सभी ट्रेनिंग के लिए थीं."






2022 में चुनाव आयोग ने जारी किया था प्रेस रिलीज


इस सीलसीले में चुनाव आयोग ने भी 8 मार्च 2022 को एक प्रेस रिलीज जारी किया था. जिसमें बताया गया था, "वाराणसी में 08 मार्च, 2022 को कुछ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें गाड़ी में ले जायी जा रही थीं, जिन पर वहां उपस्थित राजनीतिक प्रतिनिधियों की ओर से आपत्ति की गई.


जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से प्रेषित आख्या के अनुसार जांच में यह पाया गया कि ये ईवीएम प्रशिक्षण के लिए चिन्हित थीं. जिले में मतगणना अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए 09 मार्च, 2022 को प्रशिक्षण आयोजित किया गया है, जिसके लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कॉलेज स्थित प्रशिक्षण स्थल ले लाई जा रही थीं.






इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के बाद ईवीएम के रखरखाव और ट्रांसपोर्टेशन के लिए जिम्मेदार वाराणसी एडीएम आपूर्ति नलिनी कांत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था. चुनाव आयोग ने माना था कि ईवीएम के ट्रांसपोर्टेशन में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया था.


निर्णय


सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक गाड़ी पर चढ़कर ईवीएम को हाथ में लेकर दिखाते नजर आ रहे हैं. इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि बीजेपी ये सब करवा रही है. पड़ताल में सभी वायरल दावे झूठे साबित हुए. यह वीडियो 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के समय का है. इसे लेकर उस सयम चुनाव आयोग ने प्रेस रिलीज भी जारी की थी.


डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले BOOM पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.


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