Election Commissioner Appointment: मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में चीफ जस्टिस (CJI) के शामिल नहीं होने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (20 मार्च, 2024) को जवाब दिया. केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा कि कुछ लोग राजनीतिक विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. 


लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने कहा कि ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त के रूप में जल्दबाजी में नहीं चुना गया. लोकसभा चुनाव मुख्य चुनाव आयुक्त का अकेले करवाना संभव नहीं था. ऐसे में नियुक्ति करना जरूरी था. 


दरअसल, कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की स्थिति और पद ग्रहण की अवधि), 2023 की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.


केंद्र सरकार ने क्या कहा?
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court( में कहा कि याचिका में उठाए गए सवाल पूरी तरह से गलत है. मामले को लेकर अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी. 


ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू बने नए चुनाव आयुक्त
केंद्र सरकार ने गुरुवार (14 मार्च) को घोषणा की थी कि पूर्व आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू अब नए चुनाव आयुक्त होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति ने ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त के रूप में चुना था.


पैनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता और एक नामित केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल थे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी विपक्षी सदस्य के रूप में तीन सदस्यीय पैनल में शामिल थे. चयन समिति में सीजेआई के नहीं होने को लेकर ही केंद्र सरकार पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल हमलावर है. 


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