भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार (17 अगस्त, 2025) को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं पर पलटवार करते हुए बिहार में वोट चोरी और एसआईआर से जुड़ी उनकी चिंताओं को भ्रामक बताया. अब चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है.

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कांग्रेस पार्टी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को जवाब देते हुए कहा, 'अगर चुनाव आयोग ने अपना काम किया होता तो राहुल गांधी उन लोगों से कैसे मिलते, जिन्हें मृत घोषित कर दिया गया था? अगस्त 2003 में जब एसआईआर आया था तो इसमें एक साल लग गए थे, लेकिन चुनाव आयोग अब इसे डेढ़ या दो महीने में पूरा करना चाहता है.

45 दिनों में निजता हनन पर सवाल

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महादेवपुरा विधानसभा सीट के चुनाव पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एएनआई से बात करते हुए कहा, 'क्या चुनाव आयोग ने महादेवपुरा में कांग्रेस की ओर से सामने लाए गए एक लाख मतदाताओं के बारे में कोई प्रतिक्रिया दिया? हमें उम्मीद थी कि आज वे हमारे सवालों का जवाब देंगे.'

खेड़ा ने आगे कहा, 'चुनाव आयोग कहता है कि 45 दिनों में निजता का हनन होता है तो उन 45 दिनों में क्यों नहीं?' चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा था, जैसे आज कोई भाजपा नेता बोल रहा हो.' वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग को 'धमकाने' के खिलाफ चेतावनी दी. मुख्य चुनाव आयुक्त को मेरी सीधी-सी सलाह है कि वो जांच करें, डराएं नहीं. 

'चुनाव आयोग और भाजपा की मिलीभगत'

'मतदाता अधिकार यात्रा' के शुभारंभ समारोह में सासाराम में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि पूरा देश अब जानता है कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलीभगत करके चुनावों को चुरा रहा है. कांग्रेस उन्हें मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के माध्यम से मतदाताओं को जोड़ने और हटाने और बिहार विधानसभा चुनावों को चुराने की उनकी साजिश को सफल नहीं होने देगा.

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