Harak Singh Rawat Money Laundering Case: लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सक्रिय हो गई है. उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत को एक बार फिर समन भेजा गया है. उन्हें आगामी 2 अप्रैल को पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा गया है. इसके पहले ईडी ने समन भेज कर उन्हें 29 फरवरी को हाजिर होने को कहा था लेकिन वे नहीं पहुंचे थे.


इसके पहले केंद्रीय एजेंसी ने 7 फरवरी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर हरक सिंह रावत और अन्य लोगों के परिसरों पर छापेमारी की थी. ED ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरो रेंज घोटाला मामले में ये कार्रवाई की थी.


क्या है मामला?


उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत को के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच चल रही है. उनकी बहू अनुकृति भी मामले में आरोपी हैं. एजेंसी ने छापेमारी के दौरान लगभग 1.20 करोड़ रुपये और विदेशी मुद्रा, सोना और बड़े पैमाने पर दस्तावेज जब्त किए थे. ईडी ने पूर्व डीएफओ किशन चंद और पूर्व वन रेंज अधिकारी बृज बिहारी शर्मा के ठिकानों पर भी रेड की थी.


6,000 से अधिक पेड़ों की हुई है अवैध कटाई 


केंद्रीय एजेंसी का आरोप है कि कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया नाम के व्यक्ति ने हरक सिंह रावत के साथ मिलकर एक साजिश रची और एक भूखंड की दो पावर ऑफ अटॉर्नी का पंजीकरण कराया. इसके लिए एक कोर्ट ने बैनामा रद्द कर दिया था. ईडी ने कहा कि उन पर 6,000 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई करने का भी आरोप है, जबकि केवल 163 पेड़ काटने की ही अनुमति थी.


2022 में बीजेपी‌ से तोड़ा था नाता


बता दें कि हरक सिंह रावत ने साल 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे. ईडी ने कहा कि इस घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ जांच राज्य में दर्ज दो अलग-अलग एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी.


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