ED ने साइबर फ्रॉड से जुड़े एक बड़े केस में कार्रवाई करते हुए तुषार खर्बंदा से जुड़ी 7 प्रॉपर्टी अस्थायी रूप से अटैच कर दी हैं. इन प्रॉपर्टीज की कीमत करीब 11.26 करोड़ रुपये है. ये कार्रवाई ED की दिल्ली Zonal Office की टीम ने की है. ये सभी प्रॉपर्टी दिल्ली–NCR और दुबई में मौजूद हैं, जो तुषार खर्बंदा व उनके परिवार के नाम पर रजिस्टर्ड हैं.

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ED की जांच CBI और दिल्ली पुलिस की FIR के आधार पर शुरू हुई. जांच में सामने आया कि तुषार खर्बंदा और उनकी टीम ने नोएडा में अवैध कॉल सेंटर चलाकर विदेशी नागरिकों को ठगा है. फ्रॉड करने वाले लोग खुद को पुलिस या किसी जांच एजेंसी का अफसर बताकर विदेशी लोगों को डराते थे. जैसे कि आपके खिलाफ केस है, आपका बैंक अकाउंट फ्रीज कर देंगे, आपको अरेस्ट किया जा सकता है. वह इसी डर से उनसे लाखों करोड़ों रुपये ऐंठ लेते थे. जांच में ये भी पता चला कि ठगे गए पैसों को सबसे पहले क्रिप्टो करेंसी में बदला जाता था.

क्रिप्टो करेंसी से खरीदी प्रॉपर्टी

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तुषार खर्बंदा के कंट्रोल वाले क्रिप्टो वॉलेट में कुल 351.8605 बिटकॉइन मिले, जिनकी मौजूदा कीमत लगभग 280 करोड़ रुपये है. इन बिटकॉइन को आगे USDT में बदला गया और फिर अलग-अलग वॉलेट्स व लोगों को भेजकर कैश में बदलवाया गया. ED के मुताबिक, तुषार खर्बंदा ने फ्रॉड से मिले पैसों को हवाला और गैर-बैंकिंग चैनल के जरिए UAE से भारत में लाया और बड़ी मात्रा में प्रॉपर्टी खरीदी.

UAE में भी कई प्रॉपर्टी कैश में खरीदी गईं, जिनमें से दो अभी भी उनके नाम पर है. इन दोनों प्रॉपर्टीज को भी ED ने PMLA के तहत अटैच कर दिया है. इस केस में 06 अगस्त 2025 को ED ने कई जगहों पर रेड की थी. रेड में ED को UAE और नोएडा में कई प्रॉपर्टीज का पता चला. क्रिप्टो एक्सचेंज पर रखी क्रिप्टो करेंसी भी मिली. करीब 0.29 BTC (28.90 लाख रुपये) की क्रिप्टो को ED ने पहले ही अटैच कर लिया था. ED के मुताबिक मामले की जांच अभी जारी है.

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