ED raid In Indore: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इंदौर नगर निगम के पूर्व बेलदार असलम खान के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में बड़ी कार्रवाई की है. जांच एजेंसी ने मंगलवार (18 फरवरी, 2025) को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत 1.89 करोड़ रुपये (लगभग) की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है.
कैसे बना नगर निगम का बेलदार करोड़पति?
ईडी की जांच में सामने आया कि असलम खान, जो इंदौर नगर निगम में बेलदार (अस्थायी कर्मचारी) था, उसकी आमदनी के मुकाबले संपत्ति कई गुना ज्यादा थी. सरकारी तनख्वाह से इतनी बड़ी संपत्ति अर्जित करना संभव नहीं था, जिससे साफ हुआ कि यह पैसा अवैध तरीकों से जुटाया गया था.
कौन-कौन सी संपत्तियां जब्त हुईं?
ईडी ने जांच में असलम खान की चल और अचल संपत्तियों का पता लगाया, जिसमें शामिल हैं:
• इंदौर में कई प्लॉट और मकान
• बैंक खातों में जमा नकदी
• महंगी गाड़ियां और अन्य चल संपत्तियां
इन संपत्तियों को ईडी ने अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है, यानी अब इन्हें बेचा या ट्रांसफर नहीं किया जा सकता.
आय से अधिक संपत्ति का मामला कैसे सामने आया?
असलम खान के खिलाफ भ्रष्टाचार और काली कमाई की शिकायतें मिलने के बाद मामला उजागर हुआ. पहले लोकायुक्त पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें आय से अधिक संपत्ति की पुष्टि हुई. इसके बाद मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंपा गया, जिसने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की.
ईडी की जांच में और भी खुलासे संभव
सूत्रों के मुताबिक, असलम खान के राजनीतिक और अन्य अधिकारियों से करीबी संबंध भी जांच के दायरे में हैं. ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उसने यह संपत्ति किसी बड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क का हिस्सा बनकर जुटाई थी.
आय से अधिक संपत्ति के मामलों पर सरकार सख्त
सरकार और जांच एजेंसियां ऐसे मामलों पर तेजी से कार्रवाई कर रही हैं. हाल के वर्षों में कई सरकारी कर्मचारियों और अफसरों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले सामने आए हैं.
• 2023 में मध्य प्रदेश में ही एक पटवारी के पास 100 करोड़ की संपत्ति मिली थी.
• 2024 में एक सिंचाई विभाग के अधिकारी के घर से 300 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का खुलासा हुआ था.
सरकार की अपील – भ्रष्टाचार की सूचना दें
ईडी और अन्य जांच एजेंसियों ने आम जनता से अपील की है कि अगर किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के पास उनकी आमदनी से ज्यादा संपत्ति दिखे, तो इसकी सूचना दें. सरकारी भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जनता की जागरूकता बहुत जरूरी है.
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