ED की चंडीगढ़ जोनल टीम ने 25 सितंबर 2025 को उत्तर प्रदेश के एक बड़े एजेंट नवाब हसन को गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने उसे 9 दिन की कस्टडी में भेज दिया है. नवाब हसन पर आरोप है कि उसने हजारों लोगों को झूठे वादे करके करोड़ों रुपये की पब्लिक डिपॉजिट्स इकट्ठी की और फिर उन पैसों को QFX, YFX, BotBro, BotAlpha, CrossAlpha और MineCrypto जैसे फर्जी प्लेटफॉर्म्स के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किया.
ED की जांच के मुताबिक, ये एक पिरामिड स्कीम थी, जो कई राज्यों हिमाचल, एमपी, हरियाणा, यूपी और असम में फैली हुई थी. लोगों को 5-6% महीने का रिटर्न देने का लालच दिया गया और कहा गया कि पैसा AI-बॉट और फॉरेक्स ट्रेडिंग में लगाया जाएगा, लेकिन असलियत ये थी कि कोई भी ट्रेडिंग नहीं हो रही थी.
प्रॉपर्टी खरीदने और शानो-शौकत में हुआ पैसे का इस्तेमाल निवेश करने के बाद लोगों के ID डिलीट कर दिए जाते थे और कुछ महीनों बाद पेमेंट रोक दी जाती थी. जो पैसा जुटाया गया, उसे USDT (वर्चुअल करेंसी) के जरिए दुबई भेजा गया और वहां प्रॉपर्टी खरीदने और शानो-शौकत में उड़ाया गया.
ED की जांच में सामने आया कि नवाब हसन का दर्जा इस नेटवर्क में ब्लू डायमंड एग्जीक्यूटिव का था. उसके नीचे 10000 से अधिक निवेशक जुड़े हुए थे. शुरू में वो नकद और पेमेंट एग्रीगेटर के जरिए पैसे लेता था, बाद में USDT के जरिए दुबई भेजने लगा.
दुबई में मास्टरमाइंड लविश चौधरी से मिला नवाब हसन नवाब हसन कई बार दुबई गया और वहां इस घोटाले के मास्टरमाइंड लविश चौधरी उर्फ नवाब से मिला. नवाब ने खुद माना कि प्लेटफॉर्म पर दिखाए गए बैलेंस फर्जी थे और नए निवेश से पुराने लोगों का पेमेंट किया जाता था. उसके शामली के घर से पहले ही ED ने 94.23 लाख रुपये नकद बरामद किए थे.
17 सितंबर 2025 को ED ने इस घोटाले में एक और बड़े एजेंट हरिंदर पाल सिंह को गिरफ्तार किया था. उसने पूछताछ में नवाब हसन का नाम लिया था. इससे पहले 26 अगस्त 2025 को ED ने 9.49 करोड़ की 45 प्रॉपर्टीज अटैच की थी. 11 फरवरी और 4 जुलाई को हुई रेड्स में 185 बैंक अकाउंट्स में 391 करोड़ रुपये पकड़े गए थे.
कई शेल कंपनियों के नाम शामिल
1. QFX Trade Ltd2. Npay Box Pvt Ltd3. Capter Money Solution Pvt Ltd4. Rainet Technology Pvt Ltd5. Kindent Business Solution Pvt Ltd6. Mool Business Solution Pvt Ltd7. Tiger Digital Services Pvt Ltd
ED PMLA के तहत इस पूरे मामले की जांच कर रही है. ED के अधिकारियों के मुताबिक, जांच का फोकस अब पूरी मनी ट्रेल खोजना, बाकी एजेंट और बेनामी मालिकों की पहचान करना, दुबई से जुड़े फ्रंट्स को पकड़ना और बची हुई गड़बड़ी रोककर, लोगों का पैसा सुरक्षित करना है. ED का कहना है कि अभी जांच जारी है.
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