प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मध्य प्रदेश में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए शुक्रवार (3 अक्टूबर, 2025) को भोपाल, विदिशा, कटनी और छतरपुर जिलों के 7 ठिकानों पर छापेमारी की थी. ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई. ये जांच शोभित त्रिपाठी के खिलाफ शुरू हुई थी, जो उस वक्त जनपद पंचायत सिरोंज के सीईओ थे. ED ने छापों में कई अहम दस्तावेज, प्रॉपर्टी पेपर्स, डिजिटल डिवाइसेज, बैंक अकाउंट्स और म्यूचुअल फंड्स में जमा करीब 21.7 लाख की रकम फ्रीज की है.

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2019 से नवंबर, 2021 तक चला फर्जीवाड़े का खेल

ED ने यह कार्रवाई आर्थिक अपराध शाखा (EOW), भोपाल की एफआईआर के आधार पर की. EOW की जांच में सामने आया था कि शोभित त्रिपाठी ने अपने साथियों के साथ मिलकर शादी सहायता योजना में लगभग 30.18 करोड़ का घोटाला किया. ये फर्जीवाड़ा साल 2019 से नवंबर 2021 के बीच हुआ.

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ईडी की जांच में क्या हुआ खुलासा?

सरकारी रिकॉर्ड में दिखाया गया कि 5,923 लोगों की शादी हुई और उन्हें योजना के तहत पैसे दिए गए, लेकिन जांच में पता चला कि इनमें से ज्यादातर शादियां फर्जी थी. ED की जांच में खुलासा हुआ है कि शोभित त्रिपाठी ने दो डाटा एंट्री ऑपरेटरों योगेंद्र शर्मा और हेमंत साहू के साथ मिलकर ये सारा खेल रचा. सरकारी पोर्टल पर फर्जी दस्तावेज अपलोड कर इनकी मदद से सरकारी खजाने से रकम उन लोगों के खातों में ट्रांसफर की गई, जो इसके असली हकदार नहीं थे. इसके बाद ये पैसे एटीएम से अलग-अलग किश्तों में निकाले गए और फिर शोभित त्रिपाठी, उनके परिवार और करीबियों के खातों में जमा किए गए.

जांच में यह भी सामने आया कि शोभित त्रिपाठी ने घोटाले से कमाए गए पैसों को साफ दिखाने के लिए अपने रिश्तेदारों और उनके बिजनेस खातों का इस्तेमाल किया. ये रकम शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड्स और प्रॉपर्टी खरीदने में लगाई गई ताकि पैसा वैध लगे. ईडी ने कहा है कि मामले में अभी जांच जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते है.

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