फर्जी डिग्री घोटाले में मोनाड यूनिवर्सिटी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ED ने गुरुवार (6 नवंबर) को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में 15 जगहों पर छापेमारी की. ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई.
ED की ये जांच हापुड़ के पिलखुआ में स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्रियों और मार्कशीट बेचने के मामले से जुड़ी है. एजेंसी को मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने इसी साल 18 मई 2025 को यूनिवर्सिटी में छापा मारा था. उस दौरान बड़ी संख्या में फर्जी मार्कशीट, डिग्रियां, प्रोविजनल और माइग्रेशन सर्टिफिकेट बरामद किए गए थे, जिन पर मोनाड यूनिवर्सिटी का नाम लिखा हुआ था.
अब तक 10 आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तारजांच में पता चला कि इन फर्जी दस्तावेजों की बिक्री से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई थी. इस मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और थाना पिलखुआ हापुड़ में एफआईआर दर्ज हुई थी.
एसटीएफ की जांच में क्या पता चलाएसटीएफ की जांच में सामने आया कि इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड विजेंद्र सिंह उर्फ विजेंद्र सिंह हुड्डा है, जो मोनाड यूनिवर्सिटी का चांसलर और संचालक है. बताया जा रहा है कि उसने यूनिवर्सिटी के नेटवर्क के जरिए हजारों फर्जी सर्टिफिकेट और डिग्रियां तैयार करवाई और उन्हें बेचकर भारी रकम कमाई. विजेंद्र सिंह सरस्वती मेडिकल कॉलेज उन्नाव का सचिव भी है.
ED की छापेमारी में 43 लाख रुपये बरामद एसटीएफ ने इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसे 11 अगस्त 2025 को हापुड़ की सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. अब ED की छापेमारी के दौरान जांच टीम को 43 लाख रुपये नकद, कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. ये सभी सबूत इस फर्जी डिग्री रैकेट से जुड़े बताए जा रहे हैं. ED अधिकारियों के मुताबिक इस केस की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में कई और लोगों से पूछताछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
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