ED ने पूरे देश में चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है. मामला 650 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से जुड़ा है. एजेंसी का कहना है कि इस रैकेट के जरिए बड़े मल्टीनेशनल कंपनियों तक नकली ITC पहुंचाया गया है.

ED ने गुरुवार (11 सितंबर, 2025) को अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, तमिलनाडु और तेलंगाना में छापेमारी की. कुल 10 ठिकानों पर ये कार्रवाई की गई. ये जांच एक मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत चल रही है. जांच तब शुरू हुई जब ED को गुवाहाटी की एक कंपनी M/s अमित ट्रेडर्स के खिलाफ शिकायत मिली. 

कंपनी का फर्जी एड्रेस, खरीदारी नकली

जब अफसर वहां पहुंचे तो पता चला कि कंपनी का एड्रेस ही फर्जी है और कंपनी असल में मौजूद ही नहीं है. इस कंपनी ने फर्जी खरीदारी दिखाकर ITC पास किया. ED ने बताया कि ये कंपनी M/s श्री राम एंटरप्राइजेज से जुड़ी हुई थी, जिसने 700 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाकर 116 करोड़ रुपये का फर्जी ITC लिया था.

अरुणाचल प्रदेश में, रेनबो एंटरप्राइजेज और AK एंटरप्राइजेज के मालिकों ने माना कि उन्होंने बिना सामान खरीदे-बेचे ही 2-2 करोड़ रुपये का फर्जी ITC लिया. तेलंगाना में, M/s विनर्ध ऑटोमोबाइल ने कबूल किया कि उसने 110 करोड़ रुपये का फर्जी टर्नओवर दिखाया. कंपनी ने नकली गाड़ियों की मैन्युफैक्चरिंग और सेल के कागज बनाए और फिर GST रिफंड क्लेम कर पैसे बांट लिए.

हरियाणा, दिल्ली और तमिलनाडु में फर्जी कंपनी

हरियाणा में, जय श्री बालाजी ट्रेडर्स और जय श्री बालाजी ट्रेडिंग कंपनी ने 87 करोड़ और 62 करोड़ का फर्जी टर्नओवर दिखाया और आगे बड़ी कंपनियों को नकली ITC दिया. वहीं दिल्ली में, M/s प्रिशा एग्जिम नाम की कंपनी के रिकॉर्ड में 200 करोड़ का टर्नओवर दिखाया गया, लेकिन पार्टनर्स ने खुद कहा कि उन्हें इन लेन-देन की कोई जानकारी नहीं और शक है कि उनकी कंपनी का नाम डमी कंपनियों के जरिए इस्तेमाल हुआ.

तमिलनाडु में, टैनोर इंजीनियरिंग ने 4 करोड़ का फर्जी ITC लिया. ED ने यहां से 3 करोड़ की प्रॉपर्टी और 36 लाख रुपये बैंक बैलेंस फ्रीज कर दिए. ED का कहना है कि ये रैकेट GST सिस्टम का सुनियोजित तरीके से गलत इस्तेमाल है. इसमें फर्जी बिल, नकली e-way बिल और पैसों को घुमाकर दिखाने का तरीका अपनाया गया.

छापेमारी के बाद बैंक अकाउंट्स फ्रीज

शुरुआती जांच से साफ है कि फर्जी ITC बड़े-बड़े असली MNCs तक भी पास किया गया है और जांच जारी है. छापेमारी के बाद ED ने कई बैंक अकाउंट्स फ्रीज किए. प्रॉपर्टी के कागज जब्त किए और कई कंपनियों से जुड़े दस्तावेज अपने कब्जे में लिए है. एजेंसी को शक है कि इस पूरे खेल में कुछ GST अधिकारियों को भी कमीशन मिला हो सकता है. 

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